Alert : Tax बचाने के लिए FD में निवेश करने वाले सावधान, फंस सकते हैं टैक्स के जाल में
नई दिल्ली, अगस्त 18। ऐसे कई निवेश विकल्प हैं जिनके माध्यम से आप पुरानी आयकर व्यवस्था के तहत एक वित्तीय वर्ष में आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ उठाकर अपनी कर योग्य आय को कम कर सकते हैं। 5 साल या उससे अधिक की अवधि के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करके भी टैक्स बचाया जा सकता है। टैक्स बचत करने के इस तरीके को टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम से भी जाना जाता है।
Home Loan : बढ़ गया EMI का बोझ, तो इन 4 ट्रिक्स से करें कम
80सी के तहत कर बचत
धारा 80C के तहत कर-बचत FD के साथ कुछ अन्य निवेश विकल्प पर भी उपलब्ध है। सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएससी), जीवन बीमा प्रीमियम हैं। कुछ निवेश प्लान जैसे की यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप), इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) और कुछ खर्च जैसे बच्चों की ट्यूशन फीस, होम लोन प्रिंसिपल के पुनर्भुगतान पर 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलती है।
ईईई सुविधाओं में करना चाहिए निवेश
कर बचाने का सबसे अच्छा तरीका ईईई सुविधाओं वाले विकल्पों में निवेश करना है, इस तरह के निवेश विकल्प की राशि पर कर कटौती, ब्याज/वापसी और परिपक्वता राशि भी कर-मुक्त हैं। इसलिए, ऐसी योजना में निवेश करने से निवेशक अतिरिक्त कर दायित्व नहीं बनाएंगे। हालांकि, अगर आप ऐसे विकल्प में निवेश करते हैं, जहां ब्याज या रिटर्न कर योग्य है, तो टैक्स सेविंग निवेश के कारण आपके पास अतिरिक्त कर दायित्व होंगे।
ऐसे कर सकते हैं बचत
उदाहरण के लिए, धारा 80सी के अलावा अन्य सभी कर-बचत विकल्पों का लाभ उठाने के बाद भी अगर आपकी कुल आय 6 लाख रुपये है और कर योग्य आय को 5 लाख रुपये तक करना चाहते हैं तो, पूर्ण कर छूट का आनंद लेने के लिए - आपने 1 लाख रुपये का निवेश टैक्स सेविंग एफडी में करना पड़ेगा।
कैसे फस सकते हैं टैक्स की जाल में
यह मानते हुए कि आपकी सकल आय 6 लाख रुपये पर स्थिर रहती है तो अगले वर्ष आपको पूर्ण कर छूट का आनंद लेने के लिए 1 लाख रुपये से अधिक का निवेश करना होगा। क्योंकि पिछले वर्ष किए गए 1 लाख रुपए निवेश पर ब्याज को 6 लाख रुपये में जोड़ा जाएगा। इस तरह से आपके सकल आय की गणना होगी। इसी तरह, अगले वर्ष में आपको और भी अधिक निवेश करना होगा, क्योंकि पिछले दो वर्षों में टैक्स सेविंग एफडी में किए गए निवेश पर ब्याज को सकल आय में जोड़ा जाएगा ताकि इसे और बढ़ाया जा सके। इस तरह, आप टैक्स के जाल में फंस सकते हैं, कुछ समय बाद टैक्स सेविंग एफडी पर ब्याज खुद ही 1.5 लाख रुपये को पार कर जाएगा और आपको कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी।