Alert : 50 लाख से अधिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हो गया कैंसल, आपका वाहन तो इनमें नहीं
Vehicles Registration Canceled : देश में वाहन जम कर बिक रहे हैं। कोरोना के मामलों में गिरावट के बाद देश में वाहनों की बिक्री एक बार फिर से लॉकडाउन से पहले के स्तरों पर पहुंच चुकी है। मगर इसी बीच वाहन मालिकों के लिए एक झटका देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल लाखों वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। जी हां ऐसे करीब 50 लाख से अधिक वाहन हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। आगे जानिए कहां हुआ है ऐसा।
दिल्ली सरकार ने उठाया सख्त कदम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लाखों वाहनों का रजिस्ट्रेशन करने का सख्त कदम दिल्ली सरकार ने उठाया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने राजधानी के 50 लाख से अधिक वाहनों को डिरजिस्टर कर दिया, जिनमें पेट्रोल-डीजल वाहन शामिल हैं। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने उन डीजल वाहनों को डीरजिस्टर किया है, जो दस साल पुराने हैं। वहीं 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के साथ ऐसा किया गया है। इनके लिए नोटिफिकेशन जारी की गयी है।
क्यों किया गया डीरजिस्टर
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2022 में अभी तक 50 लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने रद्द कर दिया है। जैसा कि हमने बताया इनमें 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन शामिल हैं। पर बड़ा सवाल यह है कि इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन आखिर क्यों कैंसल किया गया। इसका जवाब है प्रदूषण मानकों (पॉल्यूशन स्टैंडर्ड) को पूरा न करना। प्रदूषण मानकों को पूरा न करने के कारण ये सख्त कार्रवाई की गयी है।
46 लाख पेट्रोल वाहन
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने कुछ खास आंकड़े जारी किए हैं। इनके अनुसार 2018 से 2022 तक दिल्ली में कुल 53,38,045 वाहन रजिस्टर्ड हुए, मगर 17 अक्टूबर तक 50,25,447 वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया। इनमें 15 साल से पुराने 46 लाख पेट्रोल वाहन और 10 साल से पुराने 4,15,362 डीजल वाहन शामिल रहे। वहीं 1,46,681 पेट्रोल-सह-सीएनजी वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हुआ।
कोर्ट का सख्त आदेश
गौरतलब है कि अब से 4 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया था। उस आदेश के अनुसार वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने थे, क्योंकि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब था। तब कोर्ट ने कहा कि राजदानी में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद ही दिल्ली सरकार ने सख्त कदम उठाए और पुराने वाहनों पर कार्रवाई शुरू की।