Alert : ये दो सरकारी बैंक हो सकते हैं प्राइवेट, ये है तैयारी
नई दिल्ली, अप्रैल 14। मोदी सरकार ने निजीकरण पर बहुत जोर दिया है। सरकार ने कई बैंकों का आपस में विलय भी किया है। इसी कड़ी में बहुत जल्द दो और बैंकों को प्राइवेट किया जा सकता है। इस मामले पर नीति आयोग, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक हो सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार नीति आयोग की तरफ से 4-5 बैंकों के नाम दिए गए हैं, जिन्हें प्राइवेट किया जा सकता है। इनमें से दो ऐसे बैंक हैं जिनके नाम पर ज्यादा चर्चा हो रही है। ये दो बैंक हैं इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ इंडिया।
जानिए बाकी बैंकों के नाम
इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के अलावा नीति आयोग ने जिन बैंकों के नाम प्राइवेटाइजेशन के लिए दिए हैं उनमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। बता दें कि इन सभी बैंकों पर नीति आयोग ने एक रिपोर्ट बनायी है। इस रिपोर्ट में बैंकों की वित्तीय स्थिति और कर्ज के अलावा बाकी कई चीजों की डिटेल है।
क्या-क्या हैं ऑप्शन
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने कई बार सरकारी बैंकों की हालत सुधारने के लिए उन्हें आर्थिक सहायता पहुंचाई है। संभावना है कि इस बार भी इन बैंकों को आर्थिक मदद दी जा सकती है और फिर इनका निजीकरण किया जा सकता है। एक संभावना यह भी है कि सरकार एक बार फिर से विलय यानी मर्जर का रास्ता अपनाए। नीति आयोग ने कहा था कि एसबीआई और जिन बैंकों का मर्जर हुआ है उनका प्राइवेटाइजेशन नहीं किया जाएगा।
जानिए किन बैंकों का नहीं होगा निजीकरण
इस समय भारत में कुल 12 सरकारी बैंक बचे हैं। इनमें से एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा क निजीकरण नहीं किया जाएगा। बजट में ही सरकार ने बैंकों के निजीकरण की जानकारी दी थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल बजट भाषण में दो सरकारी के साथ साथ एक बीमा कंपनी को प्राइवेट करने का प्रस्ताव पेश किया था।
खत्म हो ये बैंक
1 अप्रैल 2020 यानी वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत के साथ ही 6 ऐसे सरकारी बैंक रहे जो समाप्त हो गए। दरअसल इन 6 बैंकों का अन्य 4 सरकारी बैंकों में विलय कर दिया गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बता दिया था कि 10 सरकारी बैंक की विलय योजना 1 अप्रैल से लागू होगी, जिससे 6 बैंक 4 बैंकों में मिल जाएंगे। 6 बैंकों के ग्राहक अब उन चार अन्य बैंकों के ग्राहक बन गए हैं, जिनमें उनके बैंक का विलय किया गया है। विलय होने वाले बैंकों की शाखाएं उन बैंकों की शाखाओं के रूप में काम कर रही हैं, जिनमें इनका विलय हुआ है।
किस बैंक का किस बैंक में विलय
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया गया है। वहीं सिंडिकेट बैंक अब केनरा बैंक में मर्ज हो गया है। इसके अलावा इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मर्ज किया गया है। आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक अब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में मिल गए हैं।
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