Airtel : 5G ट्रायल के लिए चीनी कंपनियों को ठेंगा दिखाने की तैयारी
नयी दिल्ली। भारतीय टेलीकॉम दिग्गज भारती एयरटेल अपने चीनी वेंडर्स हुआवेई और जेडटीई की जगह भारत में आगामी 5जी ट्रायल के लिए यूरोपीय टेलीकॉम गियर सप्लायर नोकिया और एरिक्सन की सेवाएं लेने का प्लान बना रही है। एयरटेल जल्द ही स्वीडन की एरिक्सन और फिनलैंड की नोकिया के साथ कोलकाता और बेंगलुरु में 5जी ट्रायल के लिए नया आवेदन पेश करेगी। कंपनी ने पहले इन दोनों सर्किलों के लिए चीनी कंपनियों के साथ समझौता किया था। एयरटेल के यूरोपीय कंपनियों को चुनने से दूरसंचार विभाग को मदद मिलने की उम्मीद है क्योंकि फिर इसे 5जी ट्रायल से चीनी विक्रेताओं को बाहर रखने के लिए एक औपचारिक ऐलान जारी नहीं करना होगा।
चीनी कंपनियों पर रोक
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एयरटेल चीनी वेंडर्स की बजाय 5जी ट्रायल के लिए यूरोपीय कंपनियों के साथ काम करेगी। बता दें कि सरकार ने अब तक चीनी गियर निर्माताओं पर सरकारी कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल को उपकरणों की आपूर्ति पर रोक लगा दी है और प्राइवेट कंपनियों को संकेत दिया है कि उनके लिए भी जेडटीई और हुआवेई को 5जी नेटवर्क लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालाँकि इस संबंध में अभी तक किसी भी तरह का कोई ऐलान जारी नहीं किया गया है।
जियो ने किया 5जी ट्रायल के लिए आवेदन
इस बीच रिलायंस जियो ने सैमसंग के साथ और अपने दम पर 5जी ट्रायल के लिए अलग-अलग आवेदन दाखिल किए हैं। जबकि वोडाफोन-आइडिया ने चीनी और यूरोपीय दोनों गियर निर्माताओं के साथ मिल कर आवेदन किया है। उम्मीद की जा रही है कि एजीआर के बकाए पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वोडाफोन हुआवेई और जेडटीई को बदलने पर कोई अंतिम फैसला लेगी। सीमा विवाद के बाद भारत ने बीजिंग को कई कारोबारी मोर्चों पर झटके दिए। इनमें सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल के 4जी विस्तार में चीनी कंपनियों के उपकरण इस्तेमाल न करने का फैसला भी शामिल रहा। मगर बीएसएनएल ने सरकार के फैसले से असहमति जताई थी। बीएसएनएल के मुताबिक 4जी टेंजर से चीनी कंपनियों को बाहर करने से इसका घाटा और बढ़ेगा।
चीन के लिए नुकसान
पिछले महीने हीरो साइकिल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पंकज मुंजाल ने चीन के साथ 900 करोड़ रुपये की व्यापार डील को रद्द करने का ऐलान किया था। मुंजाल के अनुसार आने वाले महीनों में कंपनी को चीन के साथ 900 करोड़ रुपये का कारोबार करना था, लेकिन उन सभी योजनाओं को रद्द कर दिया गया। उन्होंने बताया था कि चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की हमारी प्रतिबद्धता है। मुंजाल ने कहा था कि उन्होंने चीनी कंपनियों के साथ व्यापारिक संबंध तोड़ दिए और अब नए बाजारों की तलाश कर रहे हैं।
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