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Jio हुई इस मामले से आजाद, फंसी रह गईं एयरटेल और वोडा

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नयी दिल्ली। टेलीकॉम सेक्टर में पिछले काफी समय से उथल-पुथल चल रही है। खास कर एजीआर यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से टेलीकॉम कंपनियां दबाव में आ गईं। जानकारी के लिए बता दें कि एजीआर एक यूसेज और लाइसेंस चार्ज है, जो टेलीकॉम कंपनियां दूरसंचार विभाग को चुकाती हैं। मगर एजीआर को लेकर एक विवाद रहा है। दूरसंचार विभाग कहता रहा है कि एजीआर की गणना किसी टेलीकॉम कंपनी की कुल आय पर होनी चाहिए, जिसमें जमा ब्याज या संपत्ति बेचने सहित होने वाली आय भी शामिल है। वहीं टेलीकॉम कंपनियाँ सिर्फ टेलीकॉम सेवाओं की आमदनी पर एजीआर लगाये जाने की वकालत करती रही हैं। मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ फैसला सुनाया। इससे जियो, एयरटेल और वोडाफोन के सामने हजारों करोड़ रुपये का एजीआर चुकाने की बात आयी। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर चुकाने के लिए 23 जनवरी की अंतिम डेडलाइन रखी थी।

 

जियो ने चुका दिया एजीआर

जियो ने चुका दिया एजीआर

एयरटेल और वोडाफोन के मुकाबले जियो की एजीआर देनदारी बेहद कम थी। इनमें एयरटेल पर करीब 35,500 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइडिया पर लगभग 53,000 करोड़ रुपये का बकाया एजीआर है। मगर रिलायंस जियो को सिर्फ 195 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान करना था, जो कंपनी ने आज 23 जनवरी को कर दिया है। मगर अभी तक एयरटेल और वोडाफोन ने अपना-अपना बकाया नहीं चुकाया है। एजीआर के मामले में अब जियो आजाद हो चुकी है। मगर एयरटेल और वोडाफोन अभी भी फंसी हुई हैं।

एयरटेल और वोडा ने क्यों नहीं चुकाया
 

एयरटेल और वोडा ने क्यों नहीं चुकाया

जियो के उलट एयरटेल और वोडाफोन ने बकाया एजीआर नहीं चुकाया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन खारिज के होने के बाद एयरटेल और वोडाफोन ने शीर्ष अदालत में संशोधित याचिका दाखिल कर रखी है, जिस पर कोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई होगी। इन दोनों कंपनियों ने आज बकाया एजीआर का भुगतान करने की डेडलाइन होने के चलते दूरसंचार विभाग से निवेदन किया था कि सुप्रीम कोर्ट में इनकी याचिका पर सुनवाई होने तक एजीआर अदा करने की छूट दी जाये। इसलिए एयरटेल और वोडाफोन ने फिलहाल बकाया एजीआर का भुगतान नहीं किया है।

एयरटेल, वोडा ने बदला फैसला

एयरटेल, वोडा ने बदला फैसला

आपको बता दें कि एयरटेल, वोडाफोन और टाटा टेलीसर्विसेज पर मिला कर कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है। हालांकि इन टेलीकॉम कंपनियों की योजना 23 जनवरी की डेडलाइन तक इसमें से कुछ पैसे जमा करने की थी। मगर फिर यह विचार किया गया कि संशोधित याचिकाओं की शीर्ष अदालत में सुनवाई तक वे इस मामले पर इंतजार कर सकती हैं। यानी उनके पास अपनी याचिकाओं पर सुनवाई होने तक एजीआर चुकाने का समय है।

यह भी पढ़ें - एयरटेल और वोडाफोन को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका, चुकाना ही होगा एजीआर

English summary

Airtel and Voda stranded but jio freed from AGR

Airtel owes about Rs 35,500 crore and Vodafone Idea has an outstanding AGR of about Rs 53,000 crore. But Reliance Jio only had to pay dues of Rs 195 crore.
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