AirAsia ने Tata Group को बेची भारतीय कारोबार की हिस्सेदारी, एयर इंडिया को मिलेगा फायदा
Air Asia: एक नियामक फाइलिंग के मुताबिक एयरएशिया एविएशन ग्रुप लिमिटेड ने एयरएशिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में अपनी शेष हिस्सेदारी टाटा समूह के नेतृत्व वाली एयर इंडिया को बेच दी है। एयर इंडिया के साथ यह समझौता तब हुआ जब एयरएशिया ने महामारी के बाद बिजनेस में मजबूती से वापसी की है। व्यवसाय में मजबूती के बाद एयरलाइन को अपने रणनीतिक लक्ष्यों की समीक्षा करने और अपने मजबूत नेटवर्क और क्षेत्र में बड़ी उपस्थिति बनाने के लिए यह डील करनी पड़ी है।
बो लिंगम, एयरएशिया एविएशन ग्रुप के समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कहना है कि 2014 के बाद से, जब हमने पहली बार भारत में परिचालन शुरू किया, एयरएशिया ने भारत में एक महान व्यवसाय बनाया है। यह दुनिया के सबसे बड़े नागरिक उड्डयन बाजारों में से एक है। उन्होंने कहा कि हमे भारत के अग्रणी टाटा समूह के साथ काम करने का एक अच्छा अनुभव है।
श्री लिंगम ने कहा, "यह हमारे रिश्ते का अंत नहीं है, बल्कि एक नए की शुरुआत है क्योंकि हम सहयोग करने और अपने तालमेल को आगे बढ़ाने के लिए नए और रोमांचक अवसरों का पता लगाते हैं।
एयर इंडिया को बेचा है शेयर
कंपनी ने 29 दिसंबर, 2020 और 5 जनवरी, 2021 को 32.67 प्रति शेयर के निपटान के संबंध में की गई घोषणाओं के बाद, एयरएशिया के शेष 16.33 प्रतिशत इक्विटी शेयरों को टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की सहायक कंपनी को बेचने की घोषणा की है। लगभग 19 मिलियन डॉलर के सौदे में एएआई में के शेयर हैं।
टाटा समूह ने किया है अधिग्रहण
टाटा संस ने इस साल जनवरी में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टैलेस के माध्यम से इक्विटी और डेट में 18,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया।
एयर एशिया इंडिया भारत में पांचवीं सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी थी, जिसकी कुल बाजार हिस्सेदारी 5.7 प्रतिशत थी और टाटा के नेतृत्व वाली एयर इंडिया द्वारा अधिग्रहण के साथ कंपनी के पास देश के घरेलू यात्री बाजार का संयुक्त 15.7 प्रतिशत हिस्सा रहेगा। 56.2 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन बनी हुई है।