एयर इंडिया की खरीददारी कर सकता है टाटा ग्रुप
टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के दिए गए संकेतों से ऐसा लगता है कि एयर इंडिया जल्द ही टाटा ग्रुप की हो सकती है। दरअसल एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि उन्होंने एयर इंडिया के लिए बोली लगाने से इनकार नहीं किया है। मैं टीम से इसके बारे में विचार करने को कहूंगा। यह बात उन्होंने अपनी पुस्तक 'ब्रिजिटल नेशन' के विमोचन के दौरान उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह निर्णय विस्तारा के द्वारा होगा न कि टाटा सन्स के नाम से।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं विस्तारा और एयर एशिया के अलावा कोई तीसरी एयरलाइन नहीं संचालित करने वाला हूँ जब तक कि उसे मर्ज नहीं कर दिया जाता। इसमें भी जरूरतें हैं। मैं कभी हां या न नहीं कह रहा हूं। मुझे इस बारे में नहीं पता। बता दें कि सरकार ने एयर इंडिया को पूरी तरह से बेचने का फैसला कर लिया है। पहले सरकार ने 24 प्रतिशत के विनिवेश की योजना बनाई थी। कोई ग्राहक नहीं मिला तो इसकी सीमा 74 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई। टाटा ने इसमें रुचि नहीं दिखाया क्योंकि उस समय वह जेट के बारे में विचार कर रहा था।
इस बारे में चंद्रशेखरन ने कहा कि हमें अपने एविशन बिजनस के लिए कोई हल निकालना होगा। मैं इसे बढ़ाना चाहता हूं लेकिन 2025 में नुकसान ही होने की संभावना है। एयर इंडिया को अधिग्रहित करने से टाटा ग्रुप को एयरलाइन बिजनस में ग्रोथ करने का मौका मिल सकता है। आपको बता दें कि ग्रुप के दो जॉइंट वेंचर हैं। एक सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ और दूसरा एयरएशिया के साथ। दोनों को मिलाकर वर्ष 2019 में टाटा को 1500 करोड़ का नुकसान हुआ।
एस्पर्ट के अनुसार टाटा ट्रस्ट्स के हेड रतन टाटा एयर इंडिया को खरीदने का मन बना सकते हैं। तो वहीं एयर इंडिया के माध्यम से विस्तारा को भी विस्तार मिल सकता है। अभी तक विस्तारा की फ्लाइट केवल चार इंटरनेशनल डेस्टिनेशन तक जाती है। घरेलू उड़ानों में भी इसका हिस्सा अभी तक 6 प्रतिशत ही है।