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Air India : NRI भी खरीद सकेंगे 100 फीसदी हिस्सेदारी, नियमों में हुआ बदलाव

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नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में उन बदलावों को लागू कर दिया है, जिससे अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकेंगे। सरकार की तरफ से एफडीआई नियमों में संशोधन को अधिसूचित कर दिया गया है। एफडीआई पॉलिसी में बदलाव से एयर इंडिया सहित बाकी बिकने के लिए रखी गई एयरलाइन ऑपरेटरों में विदेशी निवेश की अनुमति होगी। आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) ने एक अधिसूचना में कहा कि मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड का पर्याप्त स्वामित्व और प्रभावी नियंत्रण भारतीय नागरिकों में निहित रहेगा, जैसा कि एयरक्राफ्ट कानून 1937 में निर्धारित किया गया है।

किस तरह होगा एयर इंडिया में निवेश

किस तरह होगा एयर इंडिया में निवेश

अधिसूचना के अनुसार विदेशी एयरलाइंस सहित एयर इंडिया में विदेशी निवेश 49 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता। फिर चाहे वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किया जाए। हालांकि वे एनआरआई, जो भारतीय नागरिक हैं, उनके लिए ये नियम लागू नहीं होगा। भारतीय एनआरआई को ऑटोमैटेड रूट से 100 फीसदी तक निवेश की अनुमति है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च में एफडीआई नियमों में बदलावों को मंजूरी दे दी थी, जिसके तहत एनआरआई एयर इंडिया में 100 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। सरकार का उद्देश्य एयर इंडिया के लिए बोली लगाने को प्रोसेस को आकर्षक बनाना है। क्योंकि सरकार एयर इंडिया को बेचने के अपने पिछले प्रयास में नाकामयाब रही थी।

पहले थी 49 फीसदी तक की अनुमति

पहले थी 49 फीसदी तक की अनुमति

सरकार ने एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बिक्री के लिए रख दी है। इससे पहले एनआरआई को इसमें 49 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति थी। भारत ऑटोमैटेड रूट से 49 फीसदी एफडीआई की अनुमति देता है, उससे आगे का सरकारी रूट के जरिए निवेश की अनुमति होती है। अनुसूचित हवाई परिवहन सेवा / घरेलू अनुसूचित पैसेंजर एयरलाइन और क्षेत्रीय हवाई परिवहन सेवा में एनआरआई को 100 फीसदी तक की अनुमति है। हवाई परिवहन सेवाओं में गैर-अनुसूचित सर्विसेज, हेलीकॉप्टर और सीप्लेन सेवाएं भी शामिल हैं।

एयर इंडिया को बेचना रहा मुश्किल

एयर इंडिया को बेचना रहा मुश्किल

सरकार एयर इंडिया को अब तक बेचने में नाकामयाब रही है। पिछले महीने सरकार ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की समय सीमा को फिर से दो महीने के लिए बढ़ा दिया था। एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की समयसीमा को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया था। दरअसल कोरोनवायरस के चलते वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, इसीलिए सरकार को यह फैसला लेना पड़ा था। मालूम हो कि 2018 में एयर इंडिया को बेचने के लिए असफल प्रयास के बाद सरकार ने जनवरी 2020 में इसके विनिवेश प्रोसेस को फिर से शुरू किया। सरकार एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी के साथ-साथ एयरलाइन कंपनी की एआई एक्सप्रेस में 100 फीसदी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज में 50 फीसदी हिस्सेदारी भी बेचना चाहती है। 2018 में सरकार ने एयरलाइन में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की थी।

Air India पर सरकार का बड़ा बयान, 'जरूर मिलेगा खरीदार'Air India पर सरकार का बड़ा बयान, 'जरूर मिलेगा खरीदार'

English summary

Air India NRI will also be able to buy 100 percent stake changes in rules

The Finance Ministry has implemented the changes in the Foreign Direct Investment (FDI) rules, which will enable NRIs (NRIs) to buy 100 per cent stake in Air India.
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