Tata Group की हुई एयर इंडिया, जानिए पूरी डिटेल
नई दिल्ली, जनवरी 27। एयर इंडिया गुरुवार 27 जनवरी को टाटा ग्रुप की हो गयी। सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में टाटा के साथ एयर इंडिया की बिक्री के लिए 18,000 करोड़ रुपये का शेयर खरीद समझौता किया था। टाटा समूह एयरलाइन का फुल नियंत्रण लेगा। एयर इंडिया की स्थापना टाटा ग्रुप ने 67 वर्षों पहले 1932 में की थी। टाटा समूह इस डील के लिए 2,700 करोड़ रुपये नकद चुकाएगा और एयरलाइन का 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज भी लेगा। आगे जानिए बाकी डिटेल।
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पीएम मोदी से टाटा ग्रुप चेयरमैन की मुलाकात
टाटा समूह के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन समूह एयर इंडिया के औपचारिक हैंडओवर से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद दिल्ली में एयर इंडिया हाउस पहुंचे हैं। बता दें कि सरकार ने पिछले साल 8 अक्टूबर को एयर इंडिया को टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी की सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को 18,000 करोड़ रुपये में बेच दिया था।
ये है पूरी डील
इस डील में एयर इंडिया की एयर इंडिया एक्सप्रेस और ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट एआईएसएटीएस की बिक्री भी शामिल है। ये सौदा दिसंबर 2021 तक पूरा किया जाना था लेकिन प्रोसीजरल वर्क को पूरा करने के लिए डेडलाइन जनवरी 2022 तक बढ़ानी पड़ी। टाटा समूह ने अक्टूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के रूप में एयर इंडिया की स्थापना की और सरकार ने 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण किया था।
स्पेशल यूनिट का गठन
सरकार ने टाटा समूह द्वारा राष्ट्रीय एयरलाइन के अधिग्रहण से पहले नॉन-कोर एसेट्स के हस्तांतरण के लिए एयर इंडिया और खास उद्देश्य यूनिट एआईएएचएल के बीच समझौते को अधिसूचित किया है। ये डील 67 वर्षों के बाद एयर इंडिया की टाटा में वापसी का प्रतीक होगी। टाटा एयर इंडिया के ऑन-टाइम-परफॉर्मेंस में सुधार पर ध्यान देगा।
कितने विमान मिलेंगे टाटा ग्रुप को
डील पूरी होने पर टाटा समूह के पास 117 वाइड-बॉडी और नैरो-बॉडी एयरक्राफ्ट और एयर इंडिया एक्सप्रेस के 24 नैरो-बॉडी एयरक्राफ्ट होंगे। इसके अलावा, यह 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग, और घरेलू हवाई अड्डों पर पार्किंग स्लॉट का नियंत्रण प्राप्त करेगा।
टाटा ग्रुप की तीसरी एयरलाइन
2003-04 के बाद से यह केंद्र सरकार द्वारा किया जाने वाला यह किसी कंपनी का पहला निजीकरण होगा। पर एयर इंडिया टाटा की तीसरा एयरलाइन ब्रांड होगा क्योंकि इसकी एयरएशिया इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड में हिस्सेदारी है। 31 अगस्त तक एयर इंडिया पर कुल 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज था। 2007-08 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से एयर इंडिया को हर साल घाटा होने रहा है।