Adani की अमीरी से बढ़ा भारतीय शेयर बाजार का दबदबा, Emerging Market में बढ़ी ताकत
नई दिल्ली, सितंबर 19। अमीरों की सूची में अरबपति गौतम अडानी लगातार ऊपर चढ़ रहे हैं। उनकी दौलत में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है। वे अमीरों की लिस्ट में दुनिया में दूसरे नंबर तक पहुंच गये। उनकी दौलत बढ़ने से भारतीय शेयर बाजार का दबदबा बढ़ा है। उभरते बाजारों के शेयर बाजारों में भारतीय शेयर बाजार की ताकत पहले की तुलना में बढ़ी है। आगे जानिए पूरी डिटेल।
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एमएससीआई इंडिया इंडेक्स
ब्लूमबर्ग शो ने जो आंकड़े इकट्ठे किये हैं उनके अनुसार, हाल ही में सीमेंट कंपनियों (एसीसी और अंबुजा सीमेंट) के अधिग्रहण सहित, अडानी के पोर्ट-टू-पावर समूह द्वारा नियंत्रित आठ फर्मों की जून के अंत के बाद से 109 सदस्यीय एमएससीआई इंडिया इंडेक्स में हिस्सेदारी 20 फीसदी से अधिक हो गयी है। यानी 109 कंपनियों वाले एमएससीआई इंडिया इंडेक्स में अडानी समूह की 8 कंपनियों का योगदान 20 फीसदी से अधिक हो गया है।
कितनी आई उछाल
एमएससीआई इंडिया इंडेक्स सूचकांक में ने 12% की छलांग के साथ एशियाई और उभरते बाजार के साथियों (अन्य सूचकांकों) को पीछे छोड़ दिया है। अडानी ग्रुप की 8 कंपनियों में एसीसी, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पावर, अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स शामिल हैं।
एमएससीआई एशिया पैसिफिक इंडेक्स और एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स
अडानी ग्रुप के आठ शेयर एमएससीआई एशिया पैसिफिक इंडेक्स और एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स का भी हिस्सा हैं, जिसमें इस समूह की कंपनियों के बढ़ते प्रभाव को दिखाते हुए केवल चीन ही भारत से आगे बचा है। इक्विटी प्रोफिट ने अडानी को ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के टॉप 3 अमीरों की लिस्ट में शामिल होने में मदद की है।
एमएससीआई इंडिया इंडेक्स की मार्केट कैपिटल
मौजूदा तिमाही के दौरान एमएससीआई इंडिया इंडेक्स की मार्केट कैपिटल में उछाल भी मुख्य रूप से अडानी फर्मों पर निर्भर रहा है। ब्लूमबर्ग शो के आंकड़ों के अनुसार इन्होंने एक तिहाई से अधिक उछाल का योगदान दिया है। पिछले सप्ताह की शुरुआत में गेज का मूल्यांकन 186 ट्रिलियन रुपये (2.34 ट्रिलियन डॉलर) के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। वैश्विक इक्विटी बिकवाली के आई।
अडानी विल्मर का आईपीओ
खाद्य तेल और एफएमसीजी निर्माता अडानी विल्मर लिमिटेड, जो पिछले साल भारत में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले आईपीओ में से एक है, एक मात्र अडानी समूह फर्म है जो अभी तक एमएससीआई इंडिया इंडेक्स में शामिल नहीं है। अडानी ग्रुप का कर्ज भी बढ़ा है। ये 2.2 लाख करोड़ रु से बढ़ कर 2.6 लाख करोड़ रु हो गया है। अब सवाल है यह कि इतने कर्ज के बावजूद अडानी की संपत्ति इतनी अधिक कैसे हो गयी। गौतम अडानी की संपत्ति का राज भारी कर्ज के बीच शेयर बाजार ही है। शेयर बाजार ऐसे अमीरों की संपत्ति बढ़ाने-घटाने में काफी अहम योगदान देता है। असल में अडानी या किसी भी अन्य अरबपति कारोबारी की दौलत की कैल्कुलेशन करते समय उसके पास जो शेयर होते हैं उनकी कीमत को भी जोड़ा जाता है। अब जब शेयर बाजार में शेयरों की कीमत बढ़ेगी तो नतीजे में अडानी की संपत्ति भी बढ़ेगी। वैसे किसी अमीर की अमीरी जांचने का फॉर्मूला मार्केट कैपिटल से बेहतर कंपनियों के रेवेन्यू यानी इनकम को माना जाता है।