17 बैंकों में डूबी रकम मिलेगी दिवाली से पहले, इन खाताधारकों में आप तो शामिल नहीं
नई दिल्ली, सितंबर 01। आपने भी कई खबरें पढ़ी होंगी कि रिजर्व बैकं ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पिछले करीब 2 सालों में कई बैंकों का लाइसेंस रद्द किया है या उन पर तरह तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। इस लिस्ट में 17 को-ऑपरेटिव बैंक प्रमुख तौर पर शामिल हैं। जो प्रतिबंध इन बैंकों पर लगाए गए उनसे इन बैंकों के ग्राहकों को बड़ी परेशानी हुई, क्योंकि इनमें ग्राहकों को खातों से पैसे निकालने पर पाबंदी लगा देना शामिल है। मगर अब इन 17 बैंकों के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। इन 17 बैंकों के ग्राहकों को दिवाली से पहले पैसा मिलेगा। आगे जानिए पूरी डिटेल और इन 17 बैंकों के नाम।
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खाताधारकों के लिए राहत की खबर
आरबीआई ने इन 17 बैंकों के खाताधारकों पर पैसे निकालने सहित कई प्रतिबंद्ध लगाए थे। मगर अब इन बैंकों के खाताधारकों के लिए बड़ी राहत भरी खबर आई है। इन बैंकों के खाताधारकों को 5 लाख रु तक लौटाए जाएंगे। अहम बात यह है कि ये पैसा दिवाली से उनके खाते में आ जाएगा। गौरतलब है कि डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी डीआईसीजीसी बैंक खातों में पैसे पर 5 लाख रु का बीमा करता है। इसी के तहत इन बैंक खाताधारकों को पैसा मिलेगा।
इन राज्यों के बैंक शामिल
अक्टूबर तक इन 17 को-ऑपरेटिव बैंकों के खाताधारकों के खाते में पैसा डाल दिया जाएगा। इस लिस्ट में महाराष्ट्र के 8 बैंक शामिल हैं। बाकी उत्तर प्रदेश के 4, कर्नाटक के 2, नई दिल्ली, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल का 1-1 बैंक शामिल है। बता दें कि आरबीआई ने देखा कि इन बैंकों की वित्तीय हालत कमजोर है। इसीलिए प्रतिबंध जैसे कड़े कदम उठाए।
ये हैं बैंकों के नाम
बात करें बैंकों के नाम की लिस्ट में सांगली सहकारी बैंक, रायगढ़ सहकारी बैंक, नासिक जिला गिरना सहकारी बैंक, साईबाबा जनता सहकारी बैंक, अंजनगांव सुरजी नगरी सहकारी बैंक, जयप्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक और करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (सीतापुर), नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (बहरीच) और यूनाइटेड इंडिया कंपनी को-ऑपरेटिव बैंक (नगीना) इस लिस्ट में है।
ये हैं बाकी बैंक
इस लिस्ट में कर्नाटक का श्री मल्लिकार्जुन पत्तन सहकारी बैंक और श्री शारदा महिला सहकारी बैंक भी शामिल हैं। नई दिल्ली का रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक, पश्चिम बंगाल का सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक और आंध्र प्रदेश का दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक भी इसी लिस्ट में है।
होता है पैसे का बीमा
बैंक खाताधारकों के हितों की रक्षा के लिए उनके पैसे (सभी खातों में मिला कर 5 लाख रु) का बीमा कवर होता है। ये बीमा डीआईसीजीसी उपलब्ध कराती है, जो कि आरबीआई की सब्सिडिरी कंपनी है। मगर केवल 5 लाख रु तक पैसा सेफ रहता है। डीआईसीजीसी का उद्देश्य छोटे ग्राहकों को बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा दिलाने का है। ये बीमा कवर सभी कमर्शियल बैंकों के लिए है।
स्थानीय क्षेत्र के बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
ये जो बीमा कवर है, इसके अंतर्गत सभी स्थानीय क्षेत्रों के बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शामिल होते हैं। इनमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारी बैंकों को भी शामिल किया जाता है।