Aadhaar Virtual ID : कई तरह से रहेंगे सेफ, जानिए सब कुछ
नई दिल्ली, अक्टूबर 01। भारत में आधार कार्ड को बनाने की योजना की शुरूआत साल 2009 में किया गया था। आधार कार्ड अन्य पहचान पत्रों से अलग है क्योकिं इसमें नागरिकों की बायोमेट्रिक जानकारी होती है। आधार कार्ड में आख की रेटीना और फिंगरप्रिंट की जानकारी होती है। आज के समय में आधार कार्ड बाकी अन्य पहचान पत्रों से काफी महत्पूर्ण है। अब हर सरकारी और गैर सरकारी कामों में आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है। आज स्कूल या कॉलेज में एडमिशन लेने से लेकर यात्रा करने और बैंक के सभी कामों में आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है।
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आधार से जुड़े फ्राड के मामले भी बढ़े हैं
आधार कार्ड की उपयोगिता तो अब हर जगह है लेकिन इन सब के बीच इससे जुड़े फ्रॉड के मामलों में भी तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में यूआईडीएआई लागातार आधार सिक्योरिटी से जुड़े फिचर्स अपडेट करती रहती है। इन्हीं फिचर में से एक है वर्चुअल आईडी। चलिए आपकों वर्चु्अल आईडी के विषय में विस्तार से बताते हैं।
क्या है आधार की वर्चुअल आईडी
आधार वर्चुअल आईडी एक 16 नंबर नंबर होता है। इस वर्चुअल आइडी की मदद से हम अपना 12 अंक के आधार नंबर को प्रोटेक्ट कर सकते हैं। आप वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल करके ई-केवाईसी और वर्चुअल वेरिफिकेशन करा सकते हैं। आप अपने आधार नंबर से ही वर्चुअल आईडी यानी की वीआईडी जनरेट करते हैं। वीआाडी की मदद से आप अपनी कार्ड पर दर्ज डिटेल को सुरक्षित रख सकते हैं।
कितने दिन की होती है अवधि
वर्चुअल आईडी को जनरेट कनरे के लिए आधार नंबर का होना आवश्यक होता है। वर्चुअल आईडी की कोई एक्सपायरीस डेट तय नहीं होती है। वर्चुअल आईडी को अपनी जरूरत के अनुसार यूज कर सकते हैं। एक वर्चुअल आइडी तब तक वैलिड रहता है जब तक की आप दूसरी आइडी न बना लें।
क्या होता है जनरेट कनरे का तरीका
- आपकों आधार के ऑफिसियल बेवसाइट पर जाना होगा
- अपना 12 अंक का आधार नंबर दर्ज करें
- सेंड ओटीपी के विकल्प पर क्लिक करें
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को दर्ज करें
- जनरेट वर्चुअल आइडी के विकल्प पर क्लिक करें
- अब सबमिट बटन पर क्लिक करना है
- आपका वर्चुअल आईडी क्रिएट हो जाएगा