एफएटीएफ: मलेशिया और तुर्की को महंगा पड़ा पाकिस्तान का साथ देना
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में मलेशिया और तुर्की को कश्मीर के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देना थोड़ा महंगा पड़ गया। दरअसल, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एदोर्गान द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे उठाने और तुर्की द्वारा फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) बैठक में खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया गया।
साथ ही मलेशिया और तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने के मसले पर भारत के खिलाफ स्टैंड लिया था। जिसके बाद भारत सरकार ने मलेशिया और तुर्की से आयात पर पाबंदी का भी फैसला लिया है। तुर्की को भारतीय नौसेना के लिए वॉरशिप बनाने की डील गंवानी पड़ गई है। भारत सरकार मलेशिया से पाल ऑयल के इंपोर्ट को सीमित करने पर विचार कर रही है। इसके अलावा कई अन्य उत्पादों के इंपोर्ट पर भी पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। हालांकि, आयात पर पाबंदियों को देखते हुए मलेशिया नरम पड़ गया है।
तो वहीं सोशल मीडिया में भी #boycottmalaysia काफी ज्यादा ट्रेंड करने लगा है।
रिर्पोट के अनुसार भारतीय तेल कारोबारी पाम ऑयल के आयात को अब मल्रेशिया की जगह इंडोनेशिया से करेंगे। ऐसे में मलेशिया बुरी तरह से परेशान है क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा तेल आयात करने वाला देश है और उसने 2019 के पहले छह महीनों में मलेशिया से 900 मिलियन डॉलर का तेल आयात किया है।
भारतीय तेल कारोबारियों ने रोका मलेशिया से पाम ऑयल के आयात को
फिलहाल, अभी सरकार यह कदम उठाने के बाद मलेशिया की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है। मलेशियाई पीएम महाथिर मोहम्मद ने कहा कि उनकी सरकार भारत के साथ "काम कूटनीतिक रूप से" करती है ताकि अगर भारत मलेशिया के खिलाफ कोई फैसला ले तो व्यापार संबंधी समस्याओं का समाधान हो सके।
हालांकि, मोदी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है और रिपोर्ट्स की मानें तो भारत कोई भी कार्रवाई करने से पहले स्थिति का बारीकी से अवलोकन कर रहा है।