इंफोसिस प्रबंधन पर वित्त को बढ़ावा देने के लिए अनैतिक कदम उठाने का आरोप
आईटी कंपनी इन्फोसिस के प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगे हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी ने अपना मुनाफा और आमदनी बढ़ाने के लिए अनैतिक कदम उठाए हैं। इस पूरे मामले को लेकर एक ग्रुप ने इन्फोसिस के बोर्ड को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी है। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते कंपनी ने अपने तिमाही नतीजों का ऐलान किया था। मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में आईटी कंपनी इंफोसिस का मुनाफा 5.8 फीसदी बढ़कर 4019 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं, इस दौरान कंपनी की आमदनी 7 फीसदी बढ़कर 23,255 करोड़ रुपये हो गई है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिर्पोट के अनुसार देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस को लेकर व्हीसल ब्लोअर्स (व्हिसलब्लोअर) ने 20 सितंबर को इस मामले से जुड़ी एक चिट्ठी इन्फोसिस बोर्ड को लिखी है।
साथ ही उन्होंने अमेरिकी शेयर बाजार के रिसर्चर यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सिलिशन कमीशन (यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन) को भी एक चिट्ठी 27 सितंबर को दी गई है। चिट्ठी में बताया गया है कि इन्फोसिस ने अपने जोखिम और आमदनी को बढ़ाने के लिए अनौतिक कदम उठाया है। कंपनी के मौजूदा सीईओ सलिल पारेख भी इसमें शामिल हैं।
आपको बता दें कि रिपोर्ट का दावा है कि सलिल पारेख बड़ी डील में मार्जिन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए दबाव बनाते हैं। साथ ही, आमदनी और आलोचना का गलत अनुमान बताने को कहते हैं।
इन्फोसिस के सीएफ ब्लूजन रॉय में भी शामिल है। रिपोर्ट में बताया गया है कि व्हीसल ब्लोअर्स के आरोपों को लेकर कंपनी ने जांच शुरू कर दी है।
जानकारी हो कि 2 जनवरी 2018 को इन्फोसिस की कमान सलिल पारेख को मिली है। पारेख इन्फोसिस के बाहर से आने वाले इन्फोसिस के दूसरे एमडी और सीईओ हैं। इससे पहले सलिल पारेख कैपजेमिनी इंडिया के डिप्टी सीईओ और एक्जिक्यूटिव चेयरमैन रह चुके हैं।
सलिल पारेख को बीते वित्त वर्ष 2018-19 में 24.67 करोड़ रुपये का वेतन पैकेज मिला। उन्हें निश्चित वेतन के रूप में 6.07 करोड़ रुपये मिले, जबकि 10.96 करोड़ रुपये बोनस ,प्रोत्साहन और वैरिएबल पे के रूप में मिले।