कॉरर्पोरेट टैक्स में कटौती से भारत में बढ़ेगा निवेश: आईएमएफ
भारत सरकार ने जो कॉरर्पोरेट टैक्स में कटौती की है उसकी तारीफ देश और दुनिया में हो रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मोदी सरकार के कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के फैसले की सराहना की है, साथ ही कहा है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की वजह से देश में निवेश बढ़ेगा। फिलहाल, इसने यह भी कहा कि भारत को वित्तीय एकीकरण की दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिए और लॉंग टर्म में वित्तीय स्थिति में स्थिरता हासिल करें।
आईएमएफ के डायरेक्टर (एशिया एंड पैसिफिक डिपार्टमेंट), चेंगयॉन्ग री ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.1% रहने की उम्मीद है, वर्ष 2020 में यह 7 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। चंगेयॉन्ग री ने ये भी कहा कि हम मानते हैं कि भारत के पास अभी फिस्कल स्पेस सीमति है, इसलिए उन्हें सावधान रहना होगा। हम उनके कॉरर्पोरेट टैक्स में कमी के फैसले का समर्थन करते हैं, क्योंकि इसका निवेश पर सकारात्मक असर होगा।
तो वहीं आईएमएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से भी कहा गया है कि मोनेटरी नीति का सिद्धांत और कोर्परेट टैक्स में कटौती की घोषणा से निवेश में तेजी आने की उम्मीद है। उधर एशिया ऐंड पंसिपिक डिपार्टमेंट की डिप्टी डायरेक्टर एन्ने-मैरी गुल्डे-वफ ने कहा कि भारत को नॉन बैंकिंग फाइनैंस सेक्टर के मुद्दों का समाधान करना चाहिए। हालांकि, सरकारी बैंकों को पूंजी मुहैया करवाने जैसे प्रयासों से बैंकिंग सेक्टर में सुधारों की प्रक्रिया जारी है।
इस मौके पर उन्होंने कहा, 'हाल ही में कई सुधार हुए हैं, जिनका फायदा अभी बाकी है, इन सरकारी बैंकों का रि-कैपिटलाइजेशन भी शामिल है।' उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जागरुक है। साथ ही एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत में कर्ज इस समय उच्च स्तर पर है और राजस्व समेकन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। दूसरी तरफ हाल ही में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि कॉरर्पोरेट टैक्स में कटौती का लाभ नहीं होगा।