गेल विभाजन: 2022 से पहले नहीं बेचा जाएगा पाइपलाइन कारोबार
सरकारी कंपनी गेल से संबंधित एक नई खबर आयी है। केंद्रीय रेल सरकारी कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड के पाइपलाइन कारोबार को अलग से एक पृथक इकाई बनाने के प्रस्ताव पर अगले महीने तक विचार कर सकता है। हालांकि, रणनीतिक निवेश को इसकी बिक्री 2022 से पहले नहीं की जाएगी। मामले से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। आपको बता दें कि गेल देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस विपणन कंपनी है।
बता दें कि देश के 16,234 किलोमीटर लंबे पाइपलाइन नेटवर्क का दो-तिहाई से अधिक का स्वामित्व उसके पास है। प्राकृतिक गैस के उपयोगकर्ता अक्सर यह शिकायत करते हैं कि अपने ईंधन के परिवहन के लिए वे 11,551 किलोमीटर लंबे पाइपलाइन नेटवर्क का उपयोग नहीं करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार एक ही कंपनी के पास दोनों व्यवसायों के होने की वजह से पैदा हो रही इस तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए गेल के विभाजन पर विचार किया जा रहा है।
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रिर्पोट के अनुसार गेल के पाइपलाइन कारोबार को अलग-अलग करके नई इकाई बनाने के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर इस महीने या नवंबर तक विचार कर सकता है या मंजूरी दे सकता है। मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद, पाइपलाइन कारोबार को एक अलग अनुषंगी इकाई में स्थानांतरित करने के लिए सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी। इस प्रक्रिया को पूरा होने में 8-10 महीने का समय लगेगा।
फिलहाल, पाइपलाइन कारोबार वाली अनुषंगी कंपनी को रणनीतिक निवेशक को 2022 से पहले नहीं बेचा जा सकता है क्योंकि सरकार का मानना है कि गैस बाजार इससे पहले परिपक्व नहीं होगा और गेल को राष्ट्रीय गैस पाइपलाइन का निर्माण करने के लिए सरकार के समर्थन की जरूरत होगी।
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