वर्ल्ड बैंक ने भारत की अनुमानित वृद्धि दर को घटा कर 6% किया
विश्व बैंक ने रविवार को कहा कि इस वित्त वर्ष की शुरुआती तिमाहियों में व्यापक आधार पर मंदी के बाद भारत की विकास दर 6 फीसदी तक गिरने का अनुमान है।
विश्व बैंक ने रविवार को कहा कि इस वित्त वर्ष की शुरुआती तिमाहियों में व्यापक आधार पर मंदी के बाद भारत की विकास दर 6 फीसदी तक गिरने का अनुमान है। आपको बता दें कि 2018-19 में देश की विकास दर 6.9 फीसदी रही। फिलहाल, दक्षिण एशिया इकोनॉमिक फोकस के लेटेस्ट एडिशन में विश्व बैंक ने ये भी कहा कि साल 2021 में भारत ग्रोथ रेट को 6.9 फीसदी फिर से रिकवर कर सकता है।
इस बारे में विश्व बैंक ने कहा है कि लगातार दूसरे साल भारत की आर्थिक विकास दर की रफ्तार गिरी है। 2017-18 में यह 7.2 प्रतिशत था, जो 2018-19 में घटकर 6.8 प्रतिशत हो गया। हालांकि मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन एक्ट एशियाज बढ़ने से इंडस्ट्रियल आउटपुट ग्रोथ बढ़कर 6.9 फीसदी हो गई जबकि एग्रीकल्चर और सर्विस सेक्टर में ग्रोथ 2.9 फीसदी और 7.5 फीसदी तक रही।
इससे पहले क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को एक बार फिर से घटा दिया। मूडीज का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ 5.8 रह सकती है। इससे पहले मूडीज का जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.2 प्रतिशत था। इस लिहाज से मूडीज ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान में 0.4 प्रतिशत की कटौती की है।
इसके साथ ही मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर गंभीर चेतावनी भी दी है। मूडीज ने कहा है कि अगर अर्थव्यवस्था में सुस्ती जारी रहती है तो सरकार की राजकोषीय घाटा कम करने की कोशिश को झटका लगेगा। इसके साथ ही कर्ज का बोझ भी बढ़ता जाएगा।
मूडीज की तरह देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान घटाया है। आरबीआई के अनुमान के अनुसार इस वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6.1 प्रतिशत की दर से हो सकता है। इससे पहले आरबीआई ने 6.9 प्रतिशत की दर से जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया था। याानी कुछ महीनों में ही आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमानित भविष्य के आंकड़े में 0.8 प्रतिशत की कटौती कर दी है।