खुलासा : एक और बैंक में मिला घोटाला, खाताधारक परेशान
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के एक और सहकारी बैंक में गड़बड़ी मिली है। इस बैंक का नाम है शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड बैंक। इस बैंक का मुख्यालय पुणे में है। शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड के कामकाज में गंभीर अनियमितताएं मिलने के बाद राज्य सरकार ने निदेशक मडंल को बर्खास्त कर दिया है और प्रशासक नियुक्ति कर दिया है। बैंक में गड़बड़ी से करीब 1 लाख ग्राहक प्रभावित हुए हैं। फिलहाल इन जमाकर्ताओं का पैसा फंस गया है।
कौन है इस बैंक का प्रवर्तक
इस बैंक के प्रवर्तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य अनिल शिवाजीराव भोसले हैं। सहकारिता आयुक्त सतीश सोनी ने 9 अक्टूबर को जारी आदेश में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अप्रैल 2019 में की गई विशेष जांच - पड़ताल में बैंक के कामकाज में कई " गंभीर अनियमितताओं " का खुलासा किया गया है। आदेश में कहा गया है कि सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार और सहकारी आयुक्त ने आरबीआई के साथ विचार - विमर्श के बाद बैंक के मौजूदा निदेशक मंडल को हटा दिया है और उसके स्थान पर उप- जिला रजिस्ट्रार नारायण आघव को प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है।
फर्जी तरीके से कर्ज बांटने का नतीजा
संकटग्रस्त बैंकों के जमाकर्ताओं के मामलों को बढ़ाने वाले समूह के सदस्य मिहिर थाटे ने कहा कि शिवाजीराव भोंसले सहकारी बैंक के करीब एक लाख खाताधारक फिलहाल बैंक से अपना पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञों की आड़ में फर्जी कर्जदारों को 300 करोड़ रुपये का कर्ज वितरित किया गया जिसकी वजह से मौजूदा संकट खड़ा हुआ है।
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