जीएसटी: टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए सरकार की बड़ी पहल
जीएसटी वसूली में लगातार गिरावट को देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जीएसटी संग्रह बढ़ाने और इसमें सुधार के लिए अधिकारियों की एक समिति बनाई।
नई दिल्ली: जीएसटी वसूली में लगातार गिरावट को देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जीएसटी संग्रह बढ़ाने और इसमें सुधार के लिए अधिकारियों की एक समिति बनाई। जीएसटी काउंसिल सचिवालय की ओर से गुरुवार को जारी एक बयान के मुताबिक इस समिति में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अधिकारियों को शामिल किया गया है। समिति 15 दिनों के अंदर जीएसटी काउंसिल को अपनी पहली रिपोर्ट सौंपेगी।
समिति में 12 सदस्यों को किया गया शामिल
समिति के सदस्यों में केंद्र सरकार की ओर से प्रधान आयुक्त जीएसटी पीडब्ल्यू, संयुक्त सचिव (टीआरयू 1एवं2), एडीजी (एआरएम), एडीजी (सिस्टम) और संयुक्त सचिव (राजस्व) शामिल हैं। सरकार की ओर समिति में 12 सदस्यों की शामिल किया गया है। समिति में सदस्य के तौर पर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब के आयुक्त एसजीएसटी शामिल हैं। इसके साथ ही जीएसटी काउंसिल सचिवालय के संयुक्त सचिव और जीएसटीएन के कार्यकारी वाइस प्रेसिडेंट को भी समिति में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।
बता दें कि समिति को व्यापक सुधारों की सूची पेश करने की जिम्मेदारी दी गई है। समिति नियमों का दुरुपयोग रोकने, नियमों का स्वत: अनुपालन बढ़ाने, कानून में जरूरी संशोधन करने, कर का आधार बढ़ाने, बेहतर डाटा विश्लेषण के जरिये कर चोरी रोकने और बेहतर प्रशासनिक तालमेल बनाने के उपायों पर विचार कर सकती है।
जीएसटी वसूली बढ़ाने के उपाय खोजने में लगी सरकार
जानकारी के मुताबिक जीएसटी कानून के तहत राज्यों के राजस्व में कमी की भरपाई करने की क्षमता को लेकर संदेह उभरने के बाद सरकार ने 2018 में जीएसटी मुआवजा कानून में संशोधन कर 28 फीसदी स्लैब में पड़ने वाले नुकसानदेह वस्तुओं की आपूर्ति पर सेस लगा दिया। सरकार का अनुमान था कि सेस लगाने से जीएसटी वसूली बढ़ेगी और आसानी से राज्यों को क्षतिपूर्ति की जा सकेगी। लेकिन जहां जीएसटी वसूली की वृदि्ध दर 12 फीसदी लक्ष्य के मुकाबले पांच फीसदी से भी कम है, वहीं सेस की वसूली भी अनुमान से काफी पीछे है। इसे देखते हुए सरकार जीएसटी वसूली बढ़ाने के उपाय खोजने में लगी हुई है।