बड़ा फैसला : सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा सस्ता होम लोन
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को त्योहारी सीजन में बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने दरअसल हाउस बिल्डिंग एडवांस (एसबीए) की ब्याज दरों को कम कर दिया है। सरकार अपने कर्मचारियों को घर खरीदने और बनाने के लिए लोन देती है। यह लोन सरकारी कर्मचारी ले सकते हैं। नई ब्याज दरें 1 अक्टूबर 2019 से लागू कर दी गईं हैं।
क्या होगा फायदा
मोदी सरकार के इस फैसले का कर्मचारियों को 2 तरह से फायदा मिलेगा। अब अगर कर्मचारी चाहें तो ज्यादा लोन ले सकेंगे। क्योंकि ब्याज दरें घटने से उनके लोन लेने की झमता बढ़ जाएगी। वहीं हाउस बिल्डिंग एडवांस पर अब उनको कम ब्याज भी देना होगा।
हाउस बिल्डिंग एडवांस पर कितना घटाया ब्याज
हाउस बिल्डिंग एडवांस (एचबीए) पर ब्याज दरों को घटा कर अब 7.9 फीसदी कर दिया गया है। अभी तक सरकार अपने कर्मचारियों को 8.5 फीसदी पर एचबीए दे रही थी। इस प्रकार सरकार ने आवास लोन में 60 बेसिस प्वॉइंट यानी 0.60 फीसदी की कमी कर दी है। इस बात की हालांकि घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने ही कर दी थी, जो अब 1 अक्टूबर 2019 से लागू हो गई हैं।
1 अक्टूबर से नई दरें प्रभावी
मिनिस्ट्री आफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर ने अपने बयान में बताया है कि हाउस बिल्डिंग एडवांस (एचबीए) पर नई ब्याज दरें 1 अक्टूबर से प्रभावी हो गई हैं। एचबीए की घटी हुई ब्याज दरें अगले 1 साल तक प्रभावी रहेगी। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों की कर्ज की रकम कितनी भी हो, उस पर ब्याज 7.9 फीसदी ही ब्याज लिया जाएगा। मोदी सरकार के इस कदम से आवासीय सेक्टर में मांग बढ़ने की उम्मीद है।
एचबीए क्या होता है
सरकारी अपने कर्मचारियों को हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस (एचबीए) की सुविधा देती है। सरकार के स्थाई कर्मचारी और 5 साल तक लगातार नौकरी कर चुके अस्थाई कर्मचारी अगर घर खरीदने या बनवाने के लिए चाहें तो इस लोन का फायदा ले सकते हैं। यह लोन तभी मिलता है जब प्राइवेट बिल्डर, सोसाइटीज, हाउसिंग बोर्ड या ऐसे ही सर्टिफाइड संस्था से घर खरीदा जाए। इसके अलावा प्लॉट या नया घर बनवाने के लिए भी यह लोन लिया जा सकता है।
वित्त मंत्री ने किया था एलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि हाउस बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दर को घटाया जाएगा। अब इस लोन को 10 साल की सरकारी डिबेंचर के रिटर्न से जोड़ दिया गया है। निर्मला सीतारमण के अनुसार देश में घरों की मांग में कर्मचारियों का बड़ा योगदान है। ऐसे में सरकार के इस फैसले से कर्मचारी नया घर लेने में रुचि दिखाएंगे।