सरकार ने घटाए प्राकृतिक गैस के दाम, ढ़ाई साल बाद कीमतों में कटौती
सरकार ने सोमवार को ढाई साल में पहली बार घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत में कटौती की है।
एक ओर जहां एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम इस महीने बढ़ गए हैं तो वहीं दूसरी ओर सरकार ने सोमवार को ढाई साल में पहली बार घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत में कटौती की है, लेकिन केजी-डी 6 ब्लॉक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अंडर-डेवलपमेंट फील्ड जैसे कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस की दरें अभी भी नहीं बदली हैं।
तेल मंत्रालय की याचिका प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPCA) के अनुसार ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा संयुक्त प्राकृतिक गैस की कीमत घटाकर 3.23 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर दी गई है। प्राकृतिक गैस का नया मूल्य 1 अक्टूबर 2019 से अगले छह महीने के लिए प्रभावी होगा। वर्तमान में इसका भाव 3.69 डॉलर प्रति एमबीटीयू है। 1 अप्रैल, 2017 के बाद सरकार ने पहली बार घरेलू प्राकृतिक गैस के मूल्य को घटाया है।
9.32 डॉलर से घटाकर 8.43 डॉलर प्रति एमबीटीयू
आपको बता दें कि पीपीएसी की अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार ने मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादित गैस के मूल्य को सरकार ने 9.32 डॉलर से घटाकर 8.43 डॉलर प्रति एमबीटीयू कर दिया है। प्राकृतिक गैस के मूल्य को प्रत्येक छह महीने में संशोधित किया जाता है। हर साल 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को यह परिवर्तन होता है। प्राकृतिक गैस का उपयोग उर्वरक बनाने और बिजली पैदा करने में किया जाता है। इसके अलावा इसे ऑटोमोबाइल्स में ईंधन के रूप में CNG और घरों में रसोई गैस के रूप उपयोग के लिए संशोधित जाता है।
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प्राकृतिक गैस का उपयोग
नेचुरल गैस का इस्तेमाल उर्वरक उत्पादन और बिजली बनाने में होता है। इसके अलावा इसे सीएनजी में परिवर्तित कर ईंधन के तौर पर वाहनों में और कुकिंग गैस में परिवर्तित कर घरों में भी इस्तेमाल किया जाता है। घरेलू स्तर पर निर्यात नेचुरल गैस की कीमत में कटौती होने से सीएनजी और घरों में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाली PNG यानी पाइप्ड नेचुरल गैस की कीमत घटेगी। इसके अलावा उर्वरक और पेट्रोकेमिकल्स को बनाने की फीडस्टॉक लागत में भी कमी आएगी।
प्राकृतिक गैस के मूल्य में कमी आने से इसका असर उर्वकर, बिजली और सीएनजी की कीमतों पर होगा। इससे तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) और रिलायंस इंडस्ट्रीज के राजस्व पर भी प्रभाव पड़ेगा।
कांग्रेस सरकार ने फॉमूले को दी थी मंजूरी
बता दें कि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा स्वीकृति गैस मूल्य फॉर्मूला को निरस्त कर दिया था। कांग्रेस सरकार ने सभी घरेलू प्राकृतिक गैस के लिए मूल्य नर्यातकों द्वारा भारत में सार्वजनिक प्राकृतिक गैस के शुद्ध मूल्य और वैश्विक गैस उत्पादों द्वारा निर्धारित मूल्य के आधार पर तय करने के फॉर्मूले को मंजूरी दी थी।
CNG, PNG, उर्वरक और बिजली के लागत में आएगी कमी
तो वहीं मोदी सरकार ने इस फॉर्मूले को अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और रूस जैसे गैस निर्यातक देशों के औसत दर के आधार पर तय करने का फॉर्मूला मंजूर किया है। प्राकृतिक गैस के मूल्य में कमी आने से जहां एक ओर ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज की आय पर प्रतिकूल असर पड़ेगा वहीं दूसरी ओर सीएनजी और PNG के मूल्य में कमी आगी। इसके अलावा उर्वरक और बिजली की लागत में भी कमी आएगी।