1 अक्टूबर से ये 10 बड़े बदलाव आपकी जेब पर असर डालेंगे
जल्द ही त्योहारों की धूमधाम के बीच अक्टूबर का महीना दस्तक देने वाला है। अक्टूबर की शुरुआत के साथ कई बदलाव भी आने वाले हैं।
नई दिल्ली: जल्द ही त्योहारों की धूमधाम के बीच अक्टूबर का महीना दस्तक देने वाला है। अक्टूबर की शुरुआत के साथ कई बदलाव भी आने वाले हैं। बता दें कि इसमें से कई का असर आपकी जेब पर भी पड़ेगा। यूं कहें कि अक्टूबर में कई फाइनेंशियल बदलाव होने वाले हैं। जानकारी दें कि 1 अक्टूबर से एसबीआई, जीएसटी रेट, कॉर्पोरेट टैक्स समेत कई चीजें बदल जाएंगी, जो आम आदमी की जिंदगी पर सीधा असर डालेंगी।
मुफ्त मिलेगा एसबीआई से ये
पहला सबसे बड़ा बदलाव मंथली एवरेज बैलेंस (एमएबी) को लेकर होने वाला है। एसबीआई के बैंक अकाउंट में मंथली एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाने पर चार्ज में कटौती होने वाली है। यह कटौती लगभग 80 फीसदी तक की हो सकती है। अभी आपका बैंक अकाउंट अगर मेट्रो सिटी और शहरी इलाके की ब्रांच में है, तो आपको खाते में एवरेज मंथली बैलेंस क्रमश: 5,000 रुपये और 3,000 रुपये रखना होता है।
बदलेगा ड्राइविंग लाइसेंस का नियम
1 अक्टूबर से बदलते ट्रैफिक नियमों के साथ आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी बदलने जा रहा है। केंद्र सरकार ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में बदलाव करने जा रही है। नए नियम पूरे देश में 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे। इसके बाद आपको अपना ड्राइविंग लाइसेंस अपडेट कराना होगा। दरअसल, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) के साथ ड्राइविंग लाइसेंस कानूनी रूप से जरूरी है। लेकिन अब ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी दोनों का रूप-रंग बदल जाएगा।
नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल खरीदने पर कैशबैक
एसबीआई क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल-डीज़ल खरीदने पर अब आपको 0.75 फीसदी कैशबैक नहीं मिलेगा। एसबीआई क्रेडिट कार्ड ने अपने ग्राहकों को मैसेज भेजकर बताया है कि वह 1 अक्टूबर से इसे बंद करने जा रहा है। आपको बता दें कि एसबीआई क्रेडिट कार्ड के जरिए फ्यूल खरीदने पर ग्राहकों को 0.75 फीसदी कैशबैक मिलता था। लेकिन एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी ने कैशबैक स्कीम को वापस लेने के निर्देश दिए है।
ओबीसी से रेपो रेट लिंक्ड रिटेल लोन 8.35% पर मिलेगा
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) ने रेपो रेट से लिंक्ड नए रिटेल व एमएसई लोन प्रॉडक्ट लॉन्च किए हैं। ये लोन 1 अक्टूबर 2019 से उपलब्ध होंगे। एमएसई और रिटेल लोन के तहत ओबीसी द्वारा दिए जाने वाले सभी नए फ्लोटिंग रेट लोन रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दर पर मिलेंगे। इन नए प्रॉडक्ट्स में रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन की ब्याज दर 8.35 फीसदी से शुरू होगी, जबकि एमएसई के लिए लोन की ब्याज दर 8.65 फीसदी से शुरू होगी।
इन चीजों पर कम हुआ जीएसटी
जीएसटी काउंसिल की 37वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए है। इस बैठक में कई चीजों से टैक्स का बोझ कम किया गया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में सबसे बड़ी राहत होटल इंडस्ट्री को मिली है। अब 1000 रुपये तक किराए वाले पर टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, इसके बाद 7500 रुपये तक टैरिफ वाले रूम के किराए पर अब सिर्फ 12 फीसदी जीएसटी देना होगा। जीएसटी काउंसिल ने 10 से 13 सीटों तक के पेट्रोल-डीजल वाहनों पर सेस को घटा दिया गया है। काउंसिल ने स्लाइड फास्टनर्स (जिप) पर जीएसटी को 12 फीसदी कर दिया है।
बदलाव हुआ पेंशन पॉलिसी में
मोदी सरकार ने कर्मचारियों खयाल रखते हुए एक और फैसला लिया है। इस फैसले के तहत अगर किसी कर्मचारी की सर्विस को 7 साल पूरे हो गए हैं और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को बढ़ी ही पेंशन का फायदा मिलेगा। मोदी सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। बता दें कि अभी तक ऐसी स्थिति में आखिरी वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से पेंशन मिलती थी। लेकिन अब 7 साल से कम की सर्विस में भी कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिजन बढ़ी हुए पेंशन के लिए एलिजिबल होगें।
बंद हो जाएंगा प्लास्टिक
2 अक्टूबर को सरकार प्लास्टिक से बने प्रोडक्टस के इस्तेमाल पर पाबंदी से जुड़ा अभियान शुरू करेगी। देशभर में प्लास्टिक से बने बैग, कप और स्ट्रॉ पर सरकार पाबंदी (प्लास्टिक बैन) लगाने की तैयारी कर रही है। 2 अक्टूबर को मोदी सरकार प्लास्टिक से बने 6 प्रोडक्टस के इस्तेमाल पर पाबंदी से जुड़ा अभियान शुरू करेगी। भारत में बढ़ते पॉल्यूशन को खत्म करने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करना बहुत जरूरी है। सरकार के इस कदम से आम लोगों के लिए कई नए बिज़नेस शुरू करने के ऑप्शन्स खुलेंगे।
एटीएम से कैश निकालने के रूल में हुए ये बदलाव
बता दें कि 1 अक्टूबर से एसबीआई के एटीएम चार्ज भी बदलने वाले हैं। अब बैंक के ग्राहक मेट्रो शहरों के एसबीआई एटीएम में से मैक्सिमम 10 बार फ्री डेबिट ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। अभी यह लिमिट 6 ट्रांजेक्शन की है। वहीं, अन्य जगहों के एटीएम से मैक्सिसम 12 फ्री ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा।
वित्त मंत्री ने कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती
बीते 20 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती की घोषणा करते हुए इसे 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया था। इसके पहले भारतीय कंपनियों को 30 फीसदी टैक्स के अलावा सरचार्ज देना पड़ता था, जबकि विदेशी कंपनियों को 40 फीसदी टैक्स देना पड़ता था। वित्त मंत्री की इस घोषणा के मुताबिक, 1 अक्टूबर के बाद सेटअप किए गए मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पास 15 फीसदी टैक्स भरने का विकल्प होगा। इसके बाद इन कंपनियों पर सरचार्ज और टैक्स समेत कुल चार्ज 17.01 फीसदी हो जाएगा।
इन चीजों पर बढ़ा जीएसटी
रेल गाड़ी के सवारी डिब्बे और वैगन पर जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया है। पेय पदार्थों पर जीएसटी की वर्तमान 18 फीसदी की दर की जगह 28 फीसदी की दर से टैक्स और 12 फीसदी का अतिरिक्त सेस लगाया गया है।