अमेरिकी निवेश को आकर्षित करने के लिए मोदी को मिला कौन सा अचूक उपाय, जानिए यहां
शनिवार को ह्यूस्टन में जब एनर्जी कंपनियों के प्रमुखों से मिलेंगे तो वो कम टैक्स दरों के बारे में बात करेंगे जो की अब लगभग सिंगापूर के बराबर हो गयी है।
शनिवार को ह्यूस्टन में जब एनर्जी कंपनियों के प्रमुखों से मिलेंगे तो वो कम टैक्स दरों के बारे में बात करेंगे जो की अब लगभग सिंगापूर के बराबर हो गयी है। इसको अपने भाषण के प्रमुख बिंदु के रूप में प्रयोग कर सकते हैं ताकि अमेरिकी निवेश को आकर्षित किया जा सके।
मोदी सरकार ने हाल ही में शुक्रवार को भारत में स्थित कंपनियों को टैक्स में एक बड़ी रहत दी है और कॉर्पोरेट टैक्सेज को कम कर दिया है। ताकि वर्त्तमान में भारत में काम कर रही कंपनियों को रहत मिल सके और नए विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सके। इस कटौती से भारत उन सभी एशियाई देशों को टक्कर दे सकेगा जहां कॉर्पोरेट टैक्स कम होने की वजह से विदेशी निवेश की ज्यादा सम्भावना रहती थी जैसे के वियतनाम और इण्डोनेसिया। आपको बता दें की जो नयी कम्पनियाँ 1 अक्टूबर या उसके बाद से अपना काम चालू करेंगी, सरकार ने उनके लिए टैक्स दर घटा के 17.01 प्रतिशत कर दिया है। यह लगभग सिंगापुर के बराबर है।
आपको बता दें के प्रधानमंत्री मोदी अभी अपनी अमेरिका यात्रा पर हैं जहा वह हूस्टन के Howdy Modi कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और लगभग 40000 लोगों को सम्बोधित करेंगे.। वो वहां कई कंपनियों के प्रमुखों से मिलेंगे और उन्हें निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे, और टैक्स दर में कटौती से उनका यह काम और आसान हो जायेगा।
वाशिंगटन स्थित सेण्टर फॉर स्ट्रेटेजिक इंटरनेशनल स्टडीज के वरिष्ठ सलाहकार रिचर्ड रोस्सो ने कहा की व्यवसाय (विदेशी निवेश ) को आकर्षित करने के लिए किये गए ताज़ा आर्थिक सुधार मोदी को अपने वक्तव्य के लिए एक मजबूत कहानी देते हैं, और टैक्स दरों में कटौती से भारत को निवेश के लिए एक गंतव्य (इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन) के तौर पर अपनी छवि फिर से बनाने का मौका मिलेगा।
इस बारे में महिंद्रा समूह के प्रमुख आनंद महिंद्रा ने ख़ुशी व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि US में हूं और यह खबर मिली, दिन शुरू करने के लिए इससे अच्छा तरीका नहीं हो सकता, सिर्फ इसलिए नहीं की कम्पनियाँ कम टैक्स देंगी पर यह भी की ये कोई एक और पालिसी ट्वीक (tweak ) नहीं है। निर्मला सीतारमन ने जो शॉट फायर किया है वह पुरे विश्व में सुनाई देगा। भारत ने वैश्विक (global ) निवेशकों को एक निमंत्रण पत्र भेजा है।