मारुति ने माना, ओला- उबर की वजह से आई कार बाजार में मंदी
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति ने माना कि ओला-उबर की वजह से कार बाजार में मंदी आई।
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति ने माना कि ओला-उबर की वजह से कार बाजार में मंदी आई। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर पर छाई मंदी के लिए ओला, उबर जैसी टैक्सी एग्रीगेटर्स कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया था। सीतारमण ने कहा था कि भारत में लोग गाड़ी खरीदकर ईएमआई भरने के बजाए ओला, उबर का सहारा लेते हैं। ऐसे में अब मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने वित्त मंत्री के बयान का समर्थन किया है। जानकारी के अनुसार आरसी भार्गव का कहना है कि वित्त मंत्री की बात 100% सही है क्योंकि देश में युवा कार खरीदने के बजाए ओला, उबर जैसी कैब सर्विस का इस्तेमाल करके अपनी पसंद के गैजेट्स के लिए पैसे बचा सकते हैं।
युवाओं के पास कैब अच्छा और सस्ता विकल्प
वहीं भार्गव ने कहा, "युवा अपने दोस्तों के साथ बाहर रेस्टोरेंट में जाना पसंद करते हैं और नए स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं। ऐसे में उनके लिए नई कार खरीदने के बजाए इन कामों के लिए पैसे बचाना जरूरी हो गया है और युवाओं का मासिक वेतन भी इतना नहीं होता कि घर से अलग रह कर वह अपने सारे शौक पूरे कर सकें। इसलिए उनके पास कैब का अच्छा खासा और सस्ता विकल्प रहता है। इतना ही नहीं युवा नई कार खरीदने के बजाए एक अच्छा वक्त बिताने और घूमने फिरने को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं।
अप्रैल से अगस्त की अवधि के दौरान 2 फीसद की गिरावट
वहीं दूसरी ओर बता दें, मारुति सुजुकी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग एंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने वित्त मंत्री के बयान पर कहा था कि ओला और उबर तो पिछले 6-7 वर्षों से हैं और उस दौरान ऑटो इंडस्ट्री ने काफी अच्छा समय देखा था। अब ऐसे में ऑटो इंडस्ट्री पर छाई मंदी के लिए सिर्फ इन्हीं टैक्सी एग्रीगेटर कंपनियों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की बाजार हिस्सेदारी में अप्रैल से अगस्त की अवधि के दौरान 2 फीसद की गिरावट देखी गई है। इस वित्तीय वर्ष में यात्री वाहनों की बिक्री में एक साल पहले की तुलना में लगभग एक चौथाई की गिरावट देखी गई है। सीधे 10 महीनों की बिक्री में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है और पिछले 14 महीनों से 13 महीनों में गिरावट देखी गई है।