आयुष्मान भारत से बाहर होंगे 500 हेल्थ पैकेज
यहां पर आपको आयुष्मान भारत के 500 हेल्थ पैकेज के बाहर होने का कारण बताएंगे।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत को लेकर एक दिन पहले ही खबर आयी थी कि सैकड़ों अस्पतालों ने योजना को लेकर कई घोटाले किए हैं। अब खबर आ रही है कि कि इस स्कीम से 500 हेल्थ पैकेज को बाहर कर दिया जाएगा और 250 नए जोड़े जाएंगे। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिर्पोट के अनुसार इस स्वास्थ्य योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए दरों को भी बदला जाएगा।
जिन पैकेज को आउट किया जाएगा उनमें सिंगल स्टेंट (मेडिकेटेड) के साथ रीनल एंजियोप्लास्टी और हाइड्रोसील सैक का ऑपरेशन शामिल है। तो वहीं, राइट/लेफ्ट हार्ट कैथेटेराइजेशन और डीजे स्टेंट को हटाने जैसी चिकित्सा प्रक्रियाओं को जोड़ा जाएगा।
आपको बता दें कि कई पैकेजों की कीमतों में वृद्धि हुई है, जबकि कुछ की घटाई गई है। कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्टिंग और थिम्पैनोप्लास्टी के लिए पैकेज रेट बढ़ाए गए हैं। इसका मतलब है कि स्कीम के तहत अस्पताल इन प्रक्रियाओं के लिए बेहतर कीमत पा सकते हैं। दूसरी ओर कुछ पैकेज के मूल्य घटाए भी गए हैं। कुछ मामलों में कीमतों में 250 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है।
आयुष्मान भारत योजना में 338 अस्पतालों ने किया बड़ा घोटाला
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस स्कीम के तहत कुछ प्रक्रियाओं को रोकने का फैसला किया गया है। अन्य राष्ट्रीय स्कीमों में इन पैकेज के दोहराव से बचने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। फिलहाल, चाइल्ड नोट, कैटेरेक्ट और डायलिसिस स्कीम का हिस्सा बने रहेंगे। इनके चलते बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं।
बता दें कि नेशनल हेल्थ अथॉरिटी की गवर्निंग बॉडी की बैठक में हाल में ये निर्णय लिए गए। इस फ्लैगशिप प्रोग्राम को लागू करने का जिम्मा सरकार ने नेशनल हेल्थ अथॉरिटी को ही दिया है। नोडल एजेंसी के गवर्निंग बोर्ड ने आयुष्मान 2.0 को मंजूरी दे दी है। जिसके अंतर्गत आयुष्मान 2.0 की शुरुआत 1 अक्टूबर से है।