सावधान: एसबीआई ने रेपो रेट आधारित होम लोन स्कीम लिया वापस
एसबीआई ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है। भारतीय स्टेट बैंक ने रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन प्रॉडक्ट को वापस ले लिया है।
नई दिल्ली: एसबीआई ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है। भारतीय स्टेट बैंक ने रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन प्रॉडक्ट को वापस ले लिया है। बता दें कि बैंक ने इस प्रॉडक्ट को 1 जुलाई 2019 को लॉन्च किया था। बैंक ने ट्विटर पर एक यूजर क्वेरी का जवाब देते हए ट्वीट किया है कि बैंक ने आरएलएलआर बेस्ड होम लोन स्कीम को वापस ले लिया है। यानी अभी के लिए एसबीआई आरएलएलआर होम लोन स्कीम को रोक दिया गया है।
रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन प्रॉडक्ट देने वाला पहला बैंक था एसबीआई
आपको बता दें कि एसबीआई पहला बैंक था, जिसने रेपो रेट से लिंक्ड ब्याज दर वाले होम लोन प्रॉडक्ट की पेशकश की थी। इसके बाद कई अन्य बैंक इस तरह के प्रॉडक्ट लेकर आए थे। रेपो रेट लिंक्ड लेंडिंग रेट पर आधारित होम लोन स्कीम एक नया प्रॉडक्ट है। इसके पीछे मकसद कस्टमर्स तक रेपो रेट में कटौती का फायदा जल्द से जल्द पहुंचाना था। इससे पहले बैंक एमसीएलआर बेस्ड होम लोन दे रहे थे, जिनकी शुरुआत 2016 के बाद से हुई। 1 अप्रैल 2016 के बाद से कोई भी बैंक एमसीएलआर से कम ब्याज दर पर कर्ज नहीं दे सकता है।
आरएलएलआर 7.65 फीसदी है एसअीआई में
जानकारी दें कि एसबीआई में आरएलएलआर 7.65 फीसदी है, जो 1 सितंबर 2019 से प्रभाव में आई। हालांकि आरएलएलआर लिंक्ड होम लोन, लोन के अमाउंट, लोन टू वैल्यू और कर्ज लेने वाले के रिस्क ग्रुप पर निर्भर करता है। एसबीआई में 75 लाख रुपये तक के रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन प्रॉडक्ट पर ब्याज दर 8.05 फीसदी से 8.20 फीसदी तक थी।
1 अक्टूबर से फ्लोटिंग रेट लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से है जोड़ना
दूसरी ओर 4 सितंबर को आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया कि वे 1 अक्टूबर से फ्लोटिंग रेट वाले सभी नए पर्सनल या रिटेल लोन (होम लोन, व्हीकल लोन आदि) और फ्लोटिंग रेट वाले एमएसएमई लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क्स से जोड़ें। इन बेंचमार्क में आरबीआई की रेपो रेट, भारत सरकार के 3 माह या 6 माह के ट्रेजरी बिल यील्ड और फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफबीआईएल) द्वारा प्रकाशित कोई भी अन्य बेंचमार्क शामिल हैं। एसबीआई में इस नए फैसले के बाद अभी केवल एमसीएलआर बेस्ड लोन प्रॉडक्ट ही मौजूद हैं। बेस रेट पर लेंडिंग की अनुमति नहीं है और बेस रेट पर कर्ज लिए हुए लोग चाहें तो एमसीएलआर बेस्ड रेट पर शिफ्ट हो सकते हैं।