पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आ सकता भारी उछाल, जानें वजह
एक बार फिर से आम आदमी को रुला सकती है पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत। जल्द ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
नई दिल्ली: एक बार फिर से आम आदमी को रुला सकती है पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत। जल्द ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। पेट्रोल और डीजल जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में अगले कुछ दिनों में 5 लीटर की बढ़ोतरी होने की संभावना है। जी हां सऊदी अरामको के तेल प्रसंस्करण पर ड्रोन हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतें सोमवार को 6 डॉलर बढ़कर से 67 डॉलर प्रति बैरल थीं, जो 10% से अधिक की छलांग है और आगे बढ़ सकती है। ड्रोन हमले से सऊदी अरब की आधी तेल आपूर्ति हुई प्रभावित ये भी पढ़ें
तेल उत्पादन में 5.7 मिलियन बैरल प्रति दिन (mbpd)की कटौती
अरामको पर ड्रोन हमले के बाद उसने तेल उत्पादन में 5.7 मिलियन बैरल प्रति दिन (mbpd) की कटौती की है। इससे वैश्विक तेल आपूर्ति में 6% की कमी आई है, जो बहुत बड़ी है। हालांकि इससे भारत के लिए तेल की कमी नहीं होगी। तेल की कीमतों में 6-7 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी का भारत पर तत्काल प्रभाव पड़ता है। इस बीच एयर इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि विमानन टरबाइन ईंधन की लागत में 10% की वृद्धि से इसके मासिक ईंधन बिल में50 करोड़ का इजाफा होता है।
कच्चे तेल के आयात का लगभग 70 % मध्य पूर्व से आता
जानकारी दें कि भारत में एक दिन में 4.5 मिलियन बैरल तेल की खपत होती है जो एक वर्ष में 250 मिलियन टन कच्चे तेल का उपयोग करता है। भारत अपने कच्चे तेल की आवश्यकता का 80 फीसदी से अधिक आयात करता है। देश के कच्चे तेल के आयात का लगभग 70 फीसदी मध्य पूर्व से आता है। दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक के रूप में सऊदी अरब में प्रति दिन लगभग 10 मिलियन बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होता है, जो वैश्विक उत्पादन का 10 फीसदी है। भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सऊदी अरब पर बहुत अधिक निर्भर है। कई वर्षों से सऊदी अरब भारत को कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।