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बिजली उत्‍पादकों के बकाए को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने

बिजली वितरण कंपनियों के बिजली उत्पादकों का बकाया जुलाई में 57 प्रतिशत से बढ़कर 73,748 करोड़ रुपये हो गया।

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बिजली उत्‍पादकों के बकायों को लेकर चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। जी हां बिजली वितरण कंपनियों के बिजली उत्पादकों का बकाया जुलाई में 57 प्रतिशत से बढ़कर 73,748 करोड़ रुपये हो गया। इससे पिछले वर्ष जुलाई में यह राशि 46,779 करोड़ रुपये थी। इस संबंध में आंकड़े जुटाने वाले प्राप्ति पोर्टल पर उपलब्ध नवीनतम जानकारी में यह बात सामने आयी है। इस पोर्टल की शुरुआत मई 2018 में बिजली खरीद के हस्तांतरण में विस्तार लाने के लिए की गयी थी।

बिजली उत्‍पादकों के बकाए में भारी वृद्धि, बढ़कर 73,748 करोड़

बता दें कि बिजली उत्पादक कंपनियां, वितरण कंपनियों को भुगतान करने के लिए 60 दिन की अवधि (ग्रेस पीरियड) उपलब्ध कराती हैं। इस अवधि के बीत जाने के बाद भी वितरण कंपनियों द्वारा नहीं चुकाया गया कुल विलंबित बकाया जुलाई में 54,342 करोड़ रुपये रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 30,331 करोड़ रुपये था।

दरअससल बिजली उत्पादक कंपनियों को राहत प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने 1 अगस्‍त से ​​भुगतान सुरक्षा व्यवस्था शुरू की है। इसमें बिजली वितरण कंपनियों को उधार पर बिजली खरीदने के लिए बैंकों से निरंतर मान्‍य साख-पत्र की जरूरत होगी।

पोर्टल के अनुसार, कुल बकाया और विलंबित बकायों में जून 2019 के मुकाबले भी वृद्धि हुई है। जून में वितरण कंपनियों का कुल बकाया 69,905 करोड़ रुपये था जिसमें विलंबित बकायों की राशि 51,748 करोड़ रुपये थी। उत्पादकों के बकाए का बड़ा हिस्सा राजस्‍थान, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की वितरण कंपनियों पर है। इनमें से कुछ बकाया 820 दिन तक का हो गया है। इस मामले में 820 दिन पुराने बकाए के साथ राजस्थान और बिहार की स्थिति सबसे खराब है।

हरियाणा और आंध्र प्रदेश में 818 दिन, मध्य प्रदेश 805 दिन, तेलंगाना 798 दिन, कर्नाटक 792 दिन और तमिलनाडु 791 दिन के बका चल रहे थे। वितरण कंपनियों पर स्वतंत्र बिजली उत्पादकों का विलंबित बकाया ऐसी कुल बकाया राशि 54,342 करोड़ रुपये का 23.57 प्रतिशत हो गई है।

आपको बता दें कि प्रमुख सरकारी बिजली उत्पादकों में एनटीपीसी का 7,778.38 करोड़ रुपये, एनआईटी इंडिया का 4,693.48 करोड़ रुपये, टीएचडीसी इंडिया का 1,954.24 करोड रुपये, एनएचपीसी का 1,613.84 करोड़ रुपये और दामोदर घाटी निगम का 786.69 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं निजी क्षेत्र के बिजली उत्पादकों में अडानी पावर का 3,201.68 करोड़ रुपये, बजाज समूह की ललितपुर बिजली उत्पादक कंपनी का 2,212.66 करोड़ रुपये और जीएमआर का 1,733.18 करोड़ रुपये बकाया है।

English summary

Power Production Outstanding Dues Rises 57 Percent

Here you will know the reason why power production outstanding dues rises 57 percent.
Story first published: Monday, September 16, 2019, 13:20 [IST]
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