ऑनलाइन शॉपिंग में आयी गिरावट, आखिर क्यों?
यहां पर आपको बताएंगे कि आखिर क्यों ऑनलाइन शॉपिंग में कमी आयी है।
एक ओर जहां ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर लोग क्रेजी हो रहे हैं तो वहीं खबर आयी है कि ऑनलाइन शॉपिंग में गिरावट आयी है। ऑनलाइन शॉपिंग साइटों पर ग्राहकों का खर्च इस साल की पहली छमाही में घटकर एक चौथाई रह गया है। रिसर्च कंसल्टेंसी फर्म कांतार की रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स के डिस्काउंट में कमी और आर्थिक सुस्ती के कारण खरीदारों का सेंटीमेंट बिगड़ा है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स के रिर्पोट के अनुसार ग्राहकों की तरफ से टिकट साइज में औसतन 27 फीसदी और औसत खर्च में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है।
कांतार के एमडी (इनसाइट डिवीजन) हेमंत मेहता ने बताया कि आर्थिक सुस्ती का असर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले ग्राहकों पर भी पड़ा है। वे खरीदारी से बच रहे हैं या बहुत सोच-समझकर ही खरीदारी कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार , महत्वपूर्ण वर्गों में खरीदारी की संख्या घटी है। मोबाइल फोन सुविधाओं में 17 फीसदी और फैशन सेगमेंट के ग्राहकों की संख्या में 16 फीसदी गिरावट आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑफ़लाइन खरीदारी पर पहले सुस्ती का असर नहीं पड़ा था, लेकिन 2019 की पहली सेल में बायर्स की संख्या और खर्च में गिरावट हुई है।
शॉपिंग में गिरावट का कारण डिस्काउंट में हुई कटौती है, जो 2018 से 2019 के बीच लगभग आधी हो गई है। कांतार ने रिपोर्ट तैयार करने से पहले 50,000 ग्राहकों के ऑनलाइन परचेज बिहेवियर की स्टडी की थी। इस पर स्टैनफोर्ड एंजेल्स की संस्थापक और को-प्रेसिडेंट पॉला मरिवाला ने कहा कि खरीदारी में कुछ हद तक गिरावट आनी ही थी।
उन्होंने बताया कि बैंक और एनबीएफसी मुश्किल से कर्ज दे रहे हैं। इसका असर यहां भी देखने को मिल रहा है। देश के ज्यादातर ग्राहक महंगे फोन और फैशन पर ईएमआई के जरिए खर्च करते थे। ये लोग अब खरीदारी से बच रहे हैं। उन्होंने डिस्काउंट में हुई कमी को भी बिक्री में गिरावट का कारण बताया। पॉला ने कहा, पहले फैशन सेगमेंट में काफी प्रतिस्पर्धा थी। अब ई-कॉमर्स कंपनियों को ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए डिस्काउंट देने की जरूरत नहीं है।
तो वहीं मिनिस्ट्री ऑफ स्ट्रैटिस्टिक्स प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन के अनुसार, ऑफलाइन जानकारी की बिक्री में गिरावट का एक कारण शहरी क्षेत्रों की महंगाई दर में वृद्धि भी हो सकती है। अगस्त में यह 3.21 प्रतिशत हो गया था।