विदेशी मुद्रा भंडार 1 अरब डालर बढ़ा
मुंबई। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 1.004 अरब डालर बढ़कर 429.60 अरब डालर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढ़ने से सकल विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई।
रिजर्व बैंक ने जारी किए आंकड़े
रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 44.60 करोड़ डालर घटकर 428.60 अरब डालर रह गया था। देश का सकल विदेशी मुद्रा भंडार इस साल अगस्त माह में 430.57 अरब डालर के अब तक के सर्वोच्च स्तर को छू चुका है।
विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर बढ़ा
आंकड़ों के मुताबिक 6 सितंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में प्रमुख भागीदारी रखने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में 1.20 अरब डालर की वृद्धि हुई। इस प्रकार यह 397.20 अरब डालर पर पहुंच गया। इस दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार 19.90 करोड़ डालर घटकर 27.35 अरब डालर रह गया। आंकड़ों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास विशेष आहरण अधिकार इस दौरान 1.434 अरब डालर पर स्थिर रहा। इस दौरान कोष के पास देश का आरक्षित भंडार मामूली 20 लाख डालर बढ़कर 3.62 अरब डालर पर पहुंच गया।
क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार
विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के रिजर्व बैंक में रखी धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां हैं। जिन्हें जरूरत पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। इस तरह की मुद्राएं केंद्रीय बैंक जारी करता है। साथ ही साथ सरकार और अन्य वित्तीय संस्थानों की तरफ से केंद्रीय बैंक के पास जमा किये गई राशि भी होती है। यह भंडार एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखे जाते हैं। ज्यादातर डॉलर और कुछ हद तक यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार में शामिल होता है। विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिजर्व या एफएक्स रिजर्व भी कहा जाता है।
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