यूपी में अब सरकार नहीं बल्कि खुद मंत्री भरेंगे अपना टैक्स
मुख्यमंत्री या मंत्री अब खुद अपना आयकर रिटर्न भरेंगे। आपको बता दें अभी तक सरकार मंत्रियों का सरकारी खजाने से आयकर रिटर्न दाखिल किया करती थी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टैक्स भरने के मामले में 4 दशक पुरानी व्यवस्था को खत्म करते हुए आदेश दिया है कि भविष्य में किसी भी कैबिनेट मंत्री या मुख्यमंत्री का आयकर रिटर्न सरकारी खजाने से नहीं भरा जाएगा। मुख्यमंत्री या मंत्री अब खुद अपना आयकर रिटर्न भरेंगे। आपको बता दें अभी तक सरकार मंत्रियों का सरकारी खजाने से आयकर रिटर्न दाखिल किया करती थी।
जिन पूर्व मुख्य सचिवों की ओर से सरकार को इनकम टैक्स जमा करना था उनमें नारायण दत्त तिवारी, श्याम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह, अखिलेश यादव, और योगी आदित्यनाथ के नाम शामिल हैं। मुख्य सचिवों के इनकम टैक्स को अदा करने का यह बिल मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के कार्यकाल में पास हुआ था।
वर्तमान समय में योगी सरकार के दौरान 2 साल में जितने भी मंत्री रहे उनका 86 लाख का इनकम टैक्स सरकार ने ही अदा किया है। अब बाकी पुरानी रकम जो कि मुख्य कार्यकर्ताओं और मंत्रियों के नाम से जमा होती है, उसे भी सरकार को ही चार्ज करना था, लेकिन अब नया फैसला आने के बाद सरकार की ओर से यह रिटर्न दाखिल नहीं किया जा सकेगा।
आपको बता दें उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के वेतन, भत्ते और विविध अधिनियम -1981 के तहत एक कानून लागू किया गया था। उस समय मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप (वीपी) सिंह थे। तब से लेकर अब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, मायावती, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, श्रीपति मिश्र, वीर बहादुर सिंह और नारायण दत्त तिवारी - 19 मुख्य सचिवों ने इस कानून का लाभ उठाया।
बता दें कि विधानसभा में जब यह अधिनियम पारित किया गया था, उस समय वीपी सिंह ने सदन को बताया था कि राज्य सरकार को मंत्रियों के भौतिकी का बोझ उठाना चाहिए, क्योंकि अधिकांश मंत्री गरीब पृष्ठभूमि से हैं और उनकी आय कम है। उत्तर प्रदेश ट्रेजरी ने वर्ष 1981 से अब तक लगभग सभी मुख्य कार्यकर्ताओं और मंत्रियों के आयकर बकाये का भुगतान किया है।