अगस्त में खुदरा महंगाई दर 10 माह के उच्च स्तर पर
खुदरा महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 3.21% पहुंच गई। यह 10 महीने में सबसे ज्यादा है। खाद्य कीमतें बढ़ने से पिछले महीने खुदरा महंगाई दर में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
नई दिल्ली: खुदरा महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 3.21% पहुंच गई। यह 10 महीने में सबसे ज्यादा है। खाद्य कीमतें बढ़ने से पिछले महीने खुदरा महंगाई दर में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बता दें कि गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता महंगाई सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 3.21 फीसदी पर पहुंच गई। वहीं एक महीने पहले जुलाई 2019 में यह दर 3.15 फीसदी पर थी। हालांकि बढ़ोतरी के बावजूद ताजा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सुविधाजनक दायरे के नीचे है। एक साल पहले यानी, अगस्त 2018 में खुदरा महंगाई दर 3.69 फीसदी थी।
खाद्य महंगाई दर 2.99 फीसदी
जानकारी दें कि केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक खाद्य महंगाई दर अगस्त में 2.99 फीसदी रही, जो जुलाई में 2.36 फीसदी थी। हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई खुदरा महंगाई के आंकड़ों का ही इस्तेमाल करता है। महंगाई दर में बढ़ोतरी से बाजार में आरबीआई की मुख्य ब्याज दर में कटौती की उम्मीद घटेगी।
आरबीआई के लक्ष्य के दायरे में रही खुदरा महंगाई
देखा जाए तो अगस्त में खुदरा महंगाई दर में थोड़ा इजाफा हुआ लेकिन, यह अभी भी आरबीआई के लक्ष्य से नीचे है। आरबीआई का लक्ष्य रहता है कि खुदरा महंगाई दर 4% के आस-पास रहे। रिजर्व बैंक ब्याज दरें तय करते वक्त खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। लक्ष्य से कम महंगाई दर बाजार में मांग कम होने का संकेत देती है। ऐसे में आरबीआई द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीद रहती है। खुदरा महंगाई दर 13 महीने से 4% के नीचे बनी हुई है।
जुलाई में आईआईपी ग्रोथ 4.3% रही
इसके साथ ही जुलाई के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की ग्रोथ के आंकड़े भी जारी किए। आईआईपी ग्रोथ जुलाई में 4.3% रही। पिछले साल जुलाई में 6.5% और इस साल जून में 1.2% थी। महीने के आधार पर आईआईपी ग्रोथ में जोरदार तेजी आई। सालाना आधार पर देखें तो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गतिविधियां सुस्त रहने की वजह से आईआईपी ग्रोथ पर ज्यादा असर पड़ा। इस सेक्टर की ग्रोथ 4.2% रही। पिछले साल जुलाई में 7% थी।