करदातों के लिए खुशखबरी, आयकर नोटिस को लेकर हुआ यह बदलाव
करदाताओं को भेजी जाने वाली नोटिस को लेकर एक बड़ा बदलाव किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि आगामी दो अक्टूबर से आयकर अधिकारी किसी भी व्यक्ति को सीधे कर संबंधित नोटिस नहीं भेज पाएंगे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक सौ दिनों की उपलब्धियों के बारे में बताने के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रसाद ने बताया कि सरकार ने निर्णय लिया है कि दो अक्टूबर से कोई भी आयकर नोटिस सीधे नहीं भेजा जा सकेगा।
साथ ही उन्होंने बताया कि हर नोटिस एक केंद्रीयकृत प्रणाली में आयेगी और वहां इसकी उचित पड़ताल के बाद ही इसे आगे भेजा जाएगा। इससे आयकर अधिकारी बेलगाम ढंग से आयकर नोटिस भेजने का निर्णय नहीं ले पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता से संबंधित मुद्दों पर कानून मंत्रालय अध्ययन कर रहा है।
इस मौके पर संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों के भी मंत्री प्रसाद ने पिछली तिमाही के दौरान जीडीपी वृद्धि दर के घट कर 5.1 प्रतिशत पर आने का उल्लेख करते हुए इसके लिए वैश्विक और कुछ घरेलू कारकों को जिम्मेदार बताया, पर दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था की नींव अब भी बेहद मजबूत है, क्योंकि महंगाई, वित्तीय घाटे आदि नियंत्रण में हैं और विदेशी निवेश और मुद्रा भंडार आदि बेहतर हैं। देश का कर आधार और संग्रह बढ़ा है।
बता दें कि कई कारणों से आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है तो आपको यहां पर वो कारण बता रहे हैं।
इन 6 कारणों से आपको आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है
- यदि रिटर्न फाइल करने में देरी हो तब
- शेयर्स में एलटीसीजी की गलत रिर्पोटिंग
- फॉर्म 26एस के साथ टीडीएस क्लेम का मेल नहीं खाना
- इनकम की सही जानकारी ना देने पर
- पार्टनर पर किए गए निवेश का खुलासा न करने पर
- और गलत रिटर्न फाइल करने
तो जब भी आयकर रिटर्न भरें इन बातों का जरुर ध्यान रखें।