अगस्त में मुद्रास्फीति 10 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने की संभावना
घरेलू सामान, ईंधन, भोजन, आदि जैसी विभिन्न वस्तुओं की खुदरा कीमतें अगस्त में 10 महीने के उच्च स्तर को छूने की संभावना है।
घरेलू सामान, ईंधन, भोजन, आदि जैसी विभिन्न वस्तुओं की खुदरा कीमतें अगस्त में 10 महीने के उच्च स्तर को छूने की संभावना है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज रिसर्च के अनुसार, सीपीआई मुद्रास्फीति की दर जुलाई में 3.15 प्रतिशत थी, जो अगस्त में बढ़कर 3.23 प्रतिशत हो गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में मुद्रास्फीति के अनुमान पर बाजार की सहमति 3.35 प्रतिशत से अधिक है। तो वहीं जुलाई में, खुदरा मुद्रास्फीति की दर जून में 8 महीने के उच्च स्तर से मामूली रूप से कम हुई। रेपो दर में कटौती के बावजूद, मुद्रास्फीति आरबीआई के तेरहवें महीने के लक्ष्य से 4 प्रतिशत नीचे रहने की संभावना है।
साथ ही कोटक की रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि औद्योगिक उत्पादन जुलाई में 2.3 प्रतिशत बढ़ा है, जो पिछले महीने में 2 प्रतिशत से मामूली सुधार है। इससे पहले जून में, IIP की ग्रोथ घटकर 2% रह गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 7% थी। आपको बता दें कि मंदी का मुख्य कारण खनन और विनिर्माण क्षेत्र में कमजोरी थी। प्राथमिक वस्तुओं का विनिर्माण जून में सिर्फ 0.5 प्रतिशत बढ़ा, जो एक साल पहले 9.2 प्रतिशत था।
तो वहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन गुड्स की मैन्युफैक्चरिंग में 1.8 फीसदी की कमी आई है। महीने में पूंजीगत सामानों के निर्माण में भी काफी कमी थी। कोटक की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार को उम्मीद है कि जुलाई में आईआईपी 2.6 फीसदी की दर से बढ़ सकता है।
बता दें कि भारत की जीडीपी वृद्धि राजकोषीय पहली तिमाही में 6 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई, जो मुख्य रूप से निर्माण, कृषि और विनिर्माण क्षेत्र में कमजोर मांग के कारण हुई है। विनिर्माण क्षेत्र में कमजोरी भारत में वस्तुओं को नुकसान पहुंचा रही है। विनिर्माण में मंदी पूंजी, प्राथमिक और मध्यवर्ती वस्तुओं के विकास को कमजोर करती है।