राम जेठमलानी का निधन : जानिए कितनी संपत्ति छोड़ कर गए
नई दिल्ली। देश के जानेमाने वकील और राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी का आज यानी रविवार को निधन हो गया। जेठमलानी काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका निधन 95 वर्ष की उम्र में हुआ। राम जेठमलानी अपनी उम्र के इस दौर में भी काफी सक्रिय रहते है, और अपने बयानों के चर्चित थे। आरजेडी में जाने से पहले राम जेठमलानी भाजपा में थे। वह भाजपा के टिकट पर राज्यसभा भी गए थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा चुके थे। राम जेठमलानी देश के सबसे महंगे वकीलों में से एक थे। वह एक केस में सिर्फ पेश होने का लाखों रुपये लेते थे। आइये जानते हैं कि वह अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए हैं। उन्होंने 2 शादियां की थीं और पत्नी के अलावा 4 बच्चे हैं।
चुनाव लड़ने के दौरान किया था संपत्ति का खुलासा
चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के मुताबिक, राम जेठमलानी कुल 64,82,55,305 रुपये (64.82 करोड़ रुपये) संपत्ति के मालिक थे। राम जेठमलानी के 8 बैंकों में अकाउंट थे। राम जेठमलानी के पास 8.31 करोड़ रुपये नकदी के रूप में बैंकों में था। वहीं उन्होंने 47.17 करोड़ रुपये का निवेश बॉड और म्यूचुअल फंड में कर रखा था। हालांकि इतनी दौलत होने के बाद भी उनके नाम पर कोई वाहन नहीं था। राम जेठमलानी को महंगी घड़ियों का शौक था और उनके पास 1.05 लाख रुपये की रोलेक्स घड़ी, 3.5 लाख रुपये के कीमती रत्न और 1.37 लाख के गहने भी थे। राम जेठमलानी के हरियाणा के गुरुग्राम, मुंबई और पुणे में तीन मकान थे, जिनकी कीमत करीब 6 करोड़ रुपये आंकी गई थी।
मस्त-मौला थे राम जेठमलानी
राम जेठमलानी काफी जिंदादिली इंसान थे। सुप्रीम कोर्ट में भी इसी अंदाज में टिप्पणियां करते थे, जिस पर कोर्ट ने भी आश्चर्य जताया था। उम्र के अंतिम पड़ाव में उन्होंने वकालत को छोड़ दिया था और सामाजिक कार्यों और फिर भगवान की भक्ति में मन लगा रहे थे। अपनी वकालत के दौर में राम जेठमलानी पूरी मजबूती के साथ मुकदमों की पैरवी करते थे। एक बार उनकी जिंदादिली पर सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य भी जताया था। अगस्त 2016 में एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान तत्कालीन चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने जेठमलानी से पूछा, 'आप संन्यास कब ले रहे हैं?' इस पर राम जेठमलानी ने भी बिना पलक झपके तुरंत जवाब दिया, 'माई लोर्ड, मुझसे यह क्यों पूछ रहे हैं कि मैं कब मरने वाला हूं।' जेठमलानी का आत्मविश्वास भरा जवाब सुनकर बेंच भी मुस्कुरा उठी थी।
मोदी का भी कर चुके थे विरोध
राम जेठमलानी की भाजपा के दिग्गज नेताओं में से एक थे। राम जेठमलानी ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा में पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम का समर्थन किया था, लेकिन विरोध में भी कभी पीछे नहीं रहे। उनका साल 2016 में भाजपा से मोहभंग हुआ था और उन्होंने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए थे। एक बार उन्होंने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को काला धन के मामले में धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि जर्मनी ने काले धन के मुद्दे पर भारत की मदद का भरोसा दिया था, वहीं जर्मनी के मदद के आश्वासन के बावजूद पीएम मोदी आज तक वहां नहीं गए। उन्होंने कहा था कि पहले मैं खुद मोदी का फैन था, लेकिन अब उनसे नफरत करता हूं।