बैंकों के विलय से ग्राहकों पर जानें क्या पड़ेगा असर
मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल बैंकों के महाविलय की घोषणा कर दी है। जी हां बीते कल यानि शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग सिस्टम में सुधार के लिए बड़े कदम उठाए हैं
नई दिल्ली: मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल बैंकों के महाविलय की घोषणा कर दी है। जी हां बीते कल यानि शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग सिस्टम में सुधार के लिए बड़े कदम उठाए हैं। जानकारी दें कि वित्त मंत्री ने 10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की है। बता दें कि इससे पहले 6 छोटे सरकारी बैंकों का भारतीय स्टेट बैंक में और विजया बैंक, देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में पहले ही विलय हो चुका है। इस तरह, एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा विलय के बाद 10 सरकारी बैंकों में पहले ही शीर्ष दो बड़े बैंकों में तब्दील हो चुके हैं। बैंकों के विलय के बाद बैंकों की कई ब्रांच बंद होंगी और नई ब्रांच खुलेंगी। लेकिन बैंकों के विलय का असर इन बैंकों के ग्राहकों पर भी होगा। वहीं इस फैसले से आम ग्राहकों को कई काम करने पड़ सकते हैं।
देश में 27 सरकारी बैंक थे अब 12 बचे
बैंकों के इस विलय के बाद अब देश में 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक रह गए हैं। आपको बता दे कि 2017 में देश में 27 सरकारी बैंक थे, जिनकी संख्या घटकर अब 12 रह गई है क्योंकि मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में भी बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय किया था। देश को 5 साल में पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नेक्स्ट जेनरेशन बैंकों का होना जरूरी है। इस कारण ये कदम उठाया गया है।
1. बदलना होगा बैंक चेकबुक
जैसा कि कई बैंकों का विलय होने जा रहे हैं। ऐसे में अगर संबंधित बैंकों में आप का अकाउंट है तो सबसे पहले आप अपना चेकबुक बदलने के लिए तैयार हो जाइए। मौजूदा चेकबुक हालांकि कुछ समय के लिए मान्य रहेगा, लेकिन अंततः उन्हें उस बैंक के चेकबुक से बदलना पड़ता है, जिस बैंक में विलय हुआ है।
2. अकाउंट नंबर, कस्टमर आईडी में बदलाव
बैंक से आपको एक नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि आपका ईमेल अड्रेस और मोबाइल नंबर बैंक के पास अपडेटेड हो, जिससे किसी बदलाव के बारे में आपको तुरंत जानकारी मिल सके। आपके सभी अकाउंट एक आई के साथ टैग होंगे। उदाहरण के लिए, अगर आपका एक अकाउंट विजया बैंक और एक अन्य देना बैंक के साथ है, तो दोनों अकाउंट के लिए एक कस्टमर आईडी अलॉट की जाएगी।
3. नेक्स्ट जेनरेशन पीएसबी
- पीएनबी में ओबीसी और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा।
- इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय होगा।
- यूनियन बैंक आफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक का विलय होगा।
- केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय होगा।
4. नए ईसीएस, एसआईपी निर्देश
बैंकों के मर्जर के बाद एंटिटी को सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (ईएससी) निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लियर करना होगा। अपने बैंक, फंड हाउस और इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क कर नए ईएससी निर्देश जारी करें। जरूरत होने पर आपको ईएससी से जुड़ा फॉर्म ऑनलाइन या अपनी ब्रांच के जरिए भरना होगा। ऑटो डेबिट या सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के लिए आपको नया एसआईपी रजिस्ट्रेशन और इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है। ऐसा ही लोन की ईएमआई के लिए भी करना होगा।
5. थर्ड पार्टीज के साथ डीटेल्स अपडेट करनी होंगी
जिन कस्टमर्स को नए अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड अलॉट किए गए हैं, उन्हें इन डीटेल्स को विभिन्न थर्ड पार्टी एंटिटीज के साथ अपडेट करना होगा। इनमें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंड और नैशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) शामिल हैं।
6. डिपॉजिट, लेंडिंग रेट में बदलाव नहीं
ऑफिशल मर्जर की तिथि पर एक्वायर करने वाले बैंक की ओर से ऑफर किया जाने वाला फिक्स्ड डिपॉजिट रेट लागू होगा। हालांकि, मौजूदा फिक्स्ड डिपॉजिट पर मैच्योरिटी तक पहले से तय इंट्रेस्ट मिलेगा। इसी तरह लोन पर इंटरेस्ट रेट भी वास्तविक अग्रीमेंट के अनुसार जारी रहेगा। जबकि होम लोन के लिए मौजूदा इंट्रेस्ट रेट तब तक बरकरार रहेगा, जब तक नई एंटिटी इंट्रेस्ट रेट में बदलाव नहीं करती।
7. बैंक के लोकल ब्रांच बंद हो सकते
जानकारी दें कि बैंक की कुछ ब्रांच बंद हो सकती हैं और कस्टमर्स को नई ब्रांच में जाना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, आपकी मौजूदा होम ब्रांच ऐसी स्थिति में बंद हो सकता है, जब एक्वायर करने वाले बैंक की अपनी ब्रांच पास में ही हो। अपनी ब्रांच के लिए लागू नए आईएफएससी और एमसीएलआर कोड का ध्यान रखें, क्योंकि आपको फंड ट्रांसफर और अन्य फाइनैंशल ट्रांजैक्शंस के लिए इनकी आवश्यकता होगी।