जीडीपी : एक झटके में गिरकर 5 फीसदी पर आई, 6 साल में सबसे कम
नई दिल्ली। भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर वित्त वर्ष की पहली अप्रैल से जून की पहली तिमाही में गिरकर 5 फीसदी पर आ गई है। इससे पहले की तिमाही में यह 5.8 फीसदी थी। जीडीपी की यह दर पिछले 6 साल में सबसे कम है। सीएसओ की तरफ से जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। जीडीपी में पिछले पांच तिमाही से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
-सीएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था सालाना आधार पर महज 5 फीसदी की दर से आगे बढ़ी है। वर्ष 2013 के बाद देश की जीडीपी ग्रोथ का यह सबसे बुरा दौर है। वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में जीवीए 4.9 फीसदी रही है। मार्च तिमाही में यह 5.7 और पिछले साल की जून तिमाही में 7.7 फीसदी रही थी।
पहली तिमाही में जानिए सेक्टर्स का क्या रहा प्रदर्शन
-मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर: चालू वर्ष की पहली तिमाही में 0.6 फीसदी ग्रोथ, पिछले साल इसी दौरान 12.1 फीसदी थी
-एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री तथा फिशिंग सेक्टर : चालू वर्ष की पहली तिमाही में 2 फीसदी, पिछले साल इसी दौरान 5.1 फीसदी थी
-माइनिंग सेक्टर : चालू वर्ष की पहली तिमाही में 2.7 फीसदी, पिछले साल इसी दौरान 0.4 फीसदी थी
-इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई तथा अन्य यूटिलिटी सेक्टर: चालू वर्ष की पहली तिमाही में 8.6 फीसदी, पिछले साल इसी दौरान 6.7 फीसदी थी
-कंस्ट्रक्शन सेक्टर: चालू वर्ष की पहली तिमाही में 5.7 फीसदी, पिछले साल इसी दौरान 9.6 फीसदी थी
-ट्रेड, होटेल्स, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन तथा सर्विसेज: चालू वर्ष की पहली तिमाही में 7.1 फीसदी, पिछले साल इसी दौरान 7.8 फीसदी थी
-फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज: चालू वर्ष की पहली तिमाही में 5.9 फीसदी, पिछले साल इसी दौरान 6.5 फीसदी थी
-पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन, डिफेंस तथा अन्य सेवाएं: चालू वर्ष की पहली तिमाही में 8.5 फीसदी, पिछले साल इसी दौरान 7.5 फीसदी थी
आरबीआई ने घटाया है ग्रोथ अनुमान
आरबीआई ने जून महीने की अपनी नीतिगत समीक्षा में वित्त वर्ष 2019-20 के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया था। आरबीआई ने कहा था कि ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए डिमांड को बूस्ट देना जरूरी है।
मोदी सरकार के लिए निराशाजनक आंकड़ा
मोदी सरकार के लिए एक और निराश करने वाला आंकड़ा सामने आया है। पहली तिमाही में जीडीपी 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी रह गई है। मतलब इस सेक्टर में कुल 0.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जो कि पांच साल में सबसे कम है। मंदी की आशंका से जूझ रही अर्थव्यवस्था को इससे तगड़ा झटका लगा है। संभावना व्यक्त की जा रही थी कि ये आंकड़ा 5.3 से 5.6 फीसदी तक रह सकता है। कई तरह के सर्वे में भी ऐसी ही संभावना व्यक्त की जा रही थी, लेकिन जो आंकड़ें सामने आए हैं वो बहुत ही निराश करने वाले हैं। शायद सरकार को भी इस तरह के निराशाजनक आंकड़ों की आशंका नहीं थी। हालांकि सरकार ने खराब आर्थिक सेहत को ठीक करने के लिए पिछले दिनों कई उपायों की घोषणा की है हालांकि इसका असर अगली तिमाही तक ही दिखेगा।
ऑटो सेक्टर की हालत खराब
ऑटो सेक्टर में जो बदतर हालात हैं उनसे हर कोई वाकिफ है। कई ऑटो सेक्टर ने अपना प्रोडक्शन बंद कर दिया है और कई हजार नौकरियां भी चली गई हैं। कई अन्य सेक्टर में भी डिमांड की भारी कमी होने के चलते मार्केट में सुस्ती बनी हुई है। रिएलिटी सेक्टर में तो कई सालों से मंदी छाई हुई है। बजट के प्रावधानों की घोषणा के बाद से शेयर बाजार में भी जो निराशा का माहौल बना हुआ है. उससे वो अभी तक उबर नहीं पाया है। हालांकि वित्त मंत्री ने पिछले दिनों कई तरह की राहत और छूट की घोषणा की है और आरबीआई ने भी सरकार को 1.76 लाख करोड़ अपने रिजर्व से दिए हैं। बावजूद इसके अभी तक कोई सकारात्मक संदेश बाजार में अब तक दिखाई नहीं दिया है। पिछले साल इसी तिमाही में जीडीपी 8 फीसदी थी जो गिरकर 5 फीसदी रह गई है। कृषि, निर्माण और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में खराब प्रदर्शन इस जीडीपी मे गिरावट की बड़ी वजह माना जा रहा है।
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