मध्यम वर्ग को आयकर में राहत मिलने की संभावना
यहां पर आपको बताएंगे कैसे मध्यम वर्गीय लोग टैक्स में राहत प्राप्त कर सकते हैं।
मध्यमवर्गीय आयकर दाताओं को सरकार की ओर से बड़ी राहत मिल सकती है। रिर्पोट के अनुसार प्रत्यक्ष कर संहिता से जुड़ी समिति ने इस वर्ग के लिए आयकर का बोझ कम करने की सिफारिश की है। अगर ये सिफारिशें लागू होती हैं तो मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ घटकर आधा हो सकता है।
इनकम टैक्स रिटर्न की मौजूदा स्लैब में ढाई से पांच लाख तक 5 प्रतिशत, पांच से 20 लाख रुपये सालाना आय पर 20 प्रतिशत और उससे ज्यादा कमाई पर 30 फीसदी इनकम टैक्स लगता है। रिर्पोट के अनुसार, समिति ने पांच से 20 लाख रुपये की आय पर कर 20 से घटाकर दस प्रतिशत करने और अमीरों पर भी कर 30 से घटाकर 20 प्रतिशत करने की सिफारिश की है।
इस पर समिति का कहना है कि टैक्स स्लैब में बदलाव से कुछ वर्षों के लिए तो राजस्व का नुकसान हो सकता है, लेकिन लंबे समय में इसका फायदा देखने को मिलेगा। रिर्पोट की मानें तो समिति ने स्टॉक वितरण कर भी खत्म करने का सुझाव सरकार को दिया है और शेयरधारकों से शेयर न करने पर कंपनियों से यह टैक्स वसूलने का पक्ष लिया है।
तो वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार अगर करदाताओं की संख्या बढ़ाने का प्रयास करती है तो स्लैब में बदलाव से राजस्व में कमी की भरपाई की जा सकती है।
तो वहीं नई प्रत्यक्ष कर संहिता आयकर कानूनों की जगह लेगी। बता दें आयकर में सुधार से जुड़ी संहिता की रिपोर्ट 19 अगस्त को सरकार को सौंपी गई थी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य अखिलेश रंजन की अध्यक्षता में समिति ने रिपोर्ट तैयार की है। संहिता में आयकर में मिलने वाली छूट को भी तर्कसंगत बनाया जा सकता है। अभी प्रोत्साहन के रूप में छूट का यह आंकड़ा जीडीपी के 5-6 प्रतिशत तक है।
अगर केंद्र सरकार चाहे तो इसे अमली जामा पहना सकती है फिलहाल उनका कहना है कि टैक्स स्लैब में ऐसे बदलाव करने पर सरकार की कमाई पर असर पड़ेगा। ऐसे में सरकार वर्तमान में इस सुझाव को टाल सकती है, लेकिन रिपोर्ट पर आने का फैसला बाकी है।