चार महीनों में गोल्ड ईटीएफ की एसेट 5,000 करोड़ रुपए के पार
चार महीनों में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ में इजाफा हुआ है। जी हां गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एएमयू) चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में बढ़ा।
नई दिल्ली: चार महीनों में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ में इजाफा हुआ है। जी हां गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एएमयू) चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में बढ़कर 5,079.22 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी हैं। जबकि अप्रैल-जुलाई अवधि में शेयर बाजारों में 3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है जिसके चलते निवेशकों का रुख सोने में निवेश की ओर बढ़ा है। बता दें कि निवेश सलाहकार कंपनी मॉर्निंगस्टार के आंकड़ों के अनुसार इस साल अप्रैल से गोल्ड ईटीएफ की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों में इजाफा हो रहा है। जबकि अप्रैल-जुलाई अवधि में बीएसई सेंसेक्स 1,191.79 अंक यानी तीन प्रतिशत गिरा है। पिछले महीनों के मुकाबले जुलाई में सेंसेक्स में करीब 5 प्रतिशत तक की भारी गिरावट देखी गयी है। Digital Gold खरीदना कितना सुरक्षित? ये भी पढ़ें
जानें निवेश की वजह
जानकार का कहना हैं कि 2012 में उच्चतम स्तर छूने के बाद लंबे समय से निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ या कोष में निवेश से दूरी बनायी हुई थी। हालांकि सोने की कीमतें बढ़ने के साथ इस साल इसमें सुधार की प्रवृत्ति देखी जा रही है। सोना परिसंपत्ति वर्ग में मुद्रास्फीति से बचाव के तौर पर कार्य करता है। वहीं आर्थिक ऊहापोह की स्थिति में यह एक सुरक्षित निवेश होता है। हाल में वैश्विक अर्थव्यवस्था काफी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रही है। ऐसे में सोना फिर से सुरक्षित निवेश बन गया है। जानकारी दें कि आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में गोल्ड ईटीएफ के प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों का मूल्य 4,594.06 करोड़ रुपये था जो मई में बढ़कर 4,606.69 करोड़ रुपये, जून में 4,931.16 करोड़ रुपये और जुलाई में 5,079.22 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
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क्या है ईटीएफ?
ईटीएफ को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड कहते हैं जो निवेश का एक सरल माध्यम है। इसकी खरीद-फरोख्त अन्य शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में ही होती है। लेकिन इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद-बिक्री की सुविधा वाला फंड भी कहा जाता है। यह किसी इंडेक्स या कई एसेट्स के समूह को ट्रैक करता है। बता दें कि पूरे दिन कारोबार होने से इसकी भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। बेहतर लिक्विडिटी होने की वजह से इसे कभी बेचा जा सकता है।
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कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट को ट्रैक करता है। अगर कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है तो यह अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा। यह निवेश उसी अनुपात में होगा, जितना हर कंपनी का सेंसेक्स में वेटेज होगा। आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी।
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