लैण्डलाइन उपभोक्ताओं की संख्या घटकर इतनी कम हो गई
मोबाइल फोन दिन व दिन एडवांस फीचर ने अब लैण्डलाइन की दुनिया को तो जैसे खत्म कर दिया है।
मोबाइल फोन के दिन व दिन बढ़ते एडवांस फीचर ने अब लैण्डलाइन की दुनिया को तो जैसे खत्म कर दिया है। देश में लैंडलाइन दूरसंचार उपभोक्ताओं की संख्या जून में पिछले साल की तुलना में 0.56 प्रतिशत की कमी के साथ 2.117 करोड़ रह गई है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से हाल में जारी रपट में कहा गया है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से हाल में जारी रपट में कहा गया है कि लैंडलाइन उपयोगकर्ताओं की संख्या में जून में शुद्ध आधार पर 12 लाख और मासिक आधार पर 0.56 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
जून, 2019 के अंत में शहरी और ग्रामीण उपयोक्ता का अनुपात 86.51 प्रतिशत और 13.49 प्रतिशत है। ट्राई ने कहा, 'लैंडलाइन उपयोगकर्ताओं की संख्या मई, 2019 के अंत में 2.129 करोड़ पर थी, जो जून, 2019 के अंत में घटकर 2.117 करोड़ रह गयी।
कुल-मिलाकर लैंडलाइन दूरसंचार घनत्व जून के अंत में घटकर 1.62 प्रतिशत रह गया। मई, 2019 में यह आंकड़ा 1.62 प्रतिशत पर था। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के पास लैंडलाइन बाजार में 65.23 प्रतिशत की भागीदारी है।
फिलहाल, इस दौरान बीएसएनएल के उपयोक्ताओं की संख्या में जून में 1.47 लाख तक की कमी दर्ज की गयी।
तो वहीं, मोबाइल कनेक्शन में गिरावट का सामना कर रहे भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को लैंडलाइन श्रेणी में थोड़ी राहत मिली है। जून, 2019 में भारती एयरटेल ने 36,894 उपयोक्ता जोड़े तो वोडाफोन आइडिया के लैंडलाइन ग्राहकों की संख्या में 12,557 उपयोगकर्ताओं की वृद्धि दर्ज की गयी।
लैण्डलाइन उपभोक्ताओं की संख्या सबसे पहले तो वायरलेस की वजह से कम हुई, उसके बाद सिंपल मोबाइल फोन और अब स्मार्टफोन। टेलीकॉम कंपनिययां आज के समय में मोबाइल में ही इतने ऑफर और डिस्काउंट प्रदान करती हैं कि लोगों को लैण्डलाइन लगवाना ज्यादा महंगा पड़ रहा है।
इसके अलावा ब्रॉडबैण्ड कनेक्शन से मोबाइल इंटरनेट और टीवी सबकुछ एक साथ चल रहा है जिससे लोगों की जिंदगी सरल हो जाएगी।