विदेशी निवेशकों पर बढ़ा सरचार्ज हुआ वापस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल अर्थव्यवस्था से जुड़े कई बदलाव किए हैं जिनमें से एक प्रमुख है बढ़े हुए सरचार्ज को वापस लेना।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल अर्थव्यवस्था से जुड़े कई बदलाव किए हैं जिनमें से एक प्रमुख है बढ़े हुए सरचार्ज को वापस लेना। जी हां सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की नाराजगी दूर कर दी है। एफपीआई की मांग को पूरा करते हुए उन पर लगाया गया बढ़ा हुआ टैक्स सरचार्ज वापस ले लिया गया है। यह घोषणा खुद वित्तमंत्री ने की है।
आपको बता दें कि इस मामले में बजट से पहले की स्थिति बहाल कर दी गई है। वर्ष 2019-20 के बजट में ज्यादा कमाई करने वालों पर ज्यादा दर से टैक्स सरचार्ज लगा दिया गया। आपको बता दें कि एफपीआई भी इस बढ़े हुए सरचार्ज के दायरे में आ गए थे।
इस बारे में सीतारमण ने कहा कि इक्विटी शेयरों के ट्रांसफर से होने वाले लॉन्ग और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर सरचार्ज को वापस ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि बजट से पहले की स्थिति को फिर कायम कर दिया गया है। यह कदम पूंजी बाजार में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए उठाया गया है। बता दें कि बजट में एफपीआई पर सरचार्ज बढ़ाने की घोषणा से शेयर बाजार डगमगा गए थे।
बजट में उच्च आय अर्जित करने वालों पर अधिभार बढ़ाने की घोषणा के बाद दो से पांच करोड़ रुपये की कर योग्य आय पर इनकम टैक्स की प्रभावी दर 35.88 प्रतिशत से बढ़कर 39 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसी तरह पांच करोड़ रुपये से अधिक की आय पर यह 42.7 प्रतिशत तक पहुंच गया।
इससे पहले इसी महीने पूंजी बाजार के भागीदारों और विदेशी संस्थागत निवेशकों ने वित्त मंत्री को अपनी मांगों के समर्थन में मांग पत्र सौंपा था। इसमें एफपीआई से सरचार्ज वापस लेने और डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) की समीक्षा की मांग की गई थी।
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि स्टार्टअप्स और उनके निवेशकों की दिक्कतों को दूर करने के लिए उनके लिए एंजल कर के प्रावधान को भी वापस लेने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य के तहत स्टार्टअप्स की समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रकोष्ठ बनाया जाएगा।