पीएसयू बैंकों के सुधार के लिए सरकार देगी 70 हजार करोड़ रुपए
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था की हालत को सुधारने के उपायों के तहत यह घोषणा की पीएसयू बैंकों के सुधार के लिए सरकार 70 हजार करोड़ रुपए देगी। केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालेगी, जिससे वे 5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज मुहैया करा पाएंगे। इससे इंजीनियर्स, खुदरा देनदार, और छोटे व्यापारियों सहित अन्य को फायदा होगा। इस कदम से क्रेडिट की वृद्धि दर को बढ़ावा मिलेगा, जो लगभग 12 प्रतिशत तक होगा। साथ ही कंज्यूमर सेंटीमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा।
आपको बता दें कि बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये पुर्नपूजी की घोषणा इस साल जुलाई में पेश किए गए पूर्ण बजट में की गई थी। यह कदम क्रेडिट ग्रोथ (कर्ज उठाव) को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है, इसलिए भारत को वित्त वर्ष 2024-15 तक 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाया जा सकता है। बैंकरों का कहना है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कर्ज देने की दर को सालाना 18-20 फीसदी की दर से बढ़ाना होगा।
तो वहीं एक अन्य नीतिगत उपाय में, सीतारमण ने कहा कि बैंक अब सभी देनदारों को लाभान्वित करने के लिए एमसीएलआर कटौती के हिसाब से कर्ज की दर में कटौती करेंगे। इन दोनों कदमों से होम लोन, वाहन और अन्य खुदरा ऋण की ईएमआई कम हो जाएगी, क्योंकि अब इन्हें सीधे रेपो दर से जोड़ा जाएगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'उद्योग के लिए कार्यशील पूंजी ऋण भी सस्ता होगा।' सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कर्ज चुकाने के 15 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से कर्ज से जुड़े दस्तावेज लौटाने का निर्देश दिया है। इससे उधारकताओं को लाभ होगा, जिनकी संपत्ति गिरवी रखी गई है क्योंकि इससे आगे भी कर्ज बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बाजार में तरलता प्रदान करने और लोगों के खर्च करने के लिए अधिक पैसे देने के अन्य उपायों के अलावा, सरकार ने एनबीएफसी और एमएसएमई को अधिक क्रेडिट सहायता (ऋण) देने का फैसला किया है।