FATF: पाकिस्तान हुआ ब्लैक लिस्ट, दिवालिया होने की आशंका बढ़ी
टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ से पाकिस्तान को आज शुक्रवार को झटका मिला।
नई दिल्ली: टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ से पाकिस्तान को आज शुक्रवार को झटका मिला। यूं कहें कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को आज फिर एक बड़ा झटका लगा है। फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के एशिया-पैसिफिक ग्रुप ने पाकिस्तान को डाउनग्रेड करके ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। बता दें कि एफएटीएफ अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था है। एशिया-पैसिफिक ग्रुप एफएटीएफ के 9 क्षेत्रिय केंद्रों में से एक है। पहले से ही कर्ज संकट और गरीबी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए एफएटीएफ का यह कदम किसी बुरे सपने से कम नहीं है।
इस बजह से हुआ पाकिस्तान ब्लैकलिस्टेड
इस बात की जानकारी दें कि एफएटीएफ ने आतंकवाद को फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने में असमर्थ रहने पर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्टेड किया है। इस तहत आज एफएटीएफ ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद की फंडिंग को रोकने के लिए अपने एक्शन प्लान को पूरा करने में विफल रहा है। फ्लोरिडा के ओरलैंडो में हुई बैठक में एक बयान जारी कर एफएटीएफ ने कहा, 'पाकिस्तान न सिर्फ जनवरी की समय सीमा के साथ अपनी एक्शन प्लान को पूरा करने में विफल रहा है, बल्कि वह मई 2019 तक भी अपने एक्शन प्लान को पूरा नहीं कर सका है। गौरतलब है कि एफएटीएफ ने कठोर शब्दों में पाकिस्तान से अक्टूबर 2019 तक अपने एक्शन प्लान को पूरा करने को कहा था।
वैश्विक मानदंडों को पूरा नहीं कर सका पाकिस्तान
वहीं जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान वैश्विक मानदंडों को पूरा नहीं कर सका, जिस कारण उसे एफएटीएफ के एशिया प्रशांत ग्रुप द्वारा ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया। पाकिस्तान आतंकियों को फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े 40 मानदंडों में से 32 को पूरा नहीं कर पाया था। इसी आधार पर पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाला गया है। गौरतलब है कि इससे पहले एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था।