सरकारी बैंक फिर बंद कर रहे एटीएम और बैंक शाखाएं, जानें क्यों
पिछले साल यानी 2018 में आपने एटीएम बंद होने की काफी खबरें पढ़ी होंगी। अब एक बार विभिन्न सरकारी बैंक अपनी विभिन्न शाखाओं के एटीएम को बंद कर रहे हैं।
पिछले साल यानी 2018 में आपने एटीएम बंद होने की काफी खबरें पढ़ी होंगी। अब एक बार विभिन्न सरकारी बैंक अपनी विभिन्न शाखाओं के एटीएम को बंद कर रहे हैं। जी हां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक खर्च घटाने के लिए बड़े शहरों में अपने एटीएम और ब्रांच के शटर गिरा रहे हैं। बैंकों का मानना है कि शहरी लोग इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं। इस पर सरकारी बैंकों का कहना है कि इसलिए ब्रांच और एटीएम जैसे फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को लगाने और उनका रखरखाव करने पर बहुत पैसा खर्च करने की जरुरत नहीं रह गई है।
5,500 एटीएम और 600 ब्रांच हुए बंद
आपको बता दें कि देश के टॉप 10 सरकारी बैंकों ने कुल मिलाकर 5,500 एटीएम और 600 ब्रांच पिछले एक साम में बंद किए हैं। यह जानकारी इकोनॉमिक टाइम्स ने इन बैंकों के तिमाही नतीजों का विश्लेशष करके यह जानकारी हासिल की है। बता दें कि सरकारी बैंक बैलेंस शीट एक्सपेंडिचर घटाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि बैड लोन और सुस्त लोन ग्रोथ के कारण उनके लिए मुनाफा दर्ज करना मुश्किल हो गया था।
इन बैंकों ने बंद किए एटीएम और ब्रांच
भारतीय स्टेट बैंक ने जून 2018 से 2019 के बीच अब तक 420 ब्रांच और 768 एटीएम बंद किए हैं। तो वहीं, विजया और देना बैंक को मिलाने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने कुल 40 ब्रांच और 274 एटीएम का इस बीच शटर गिराया है। ब्रांच और एटीएम की संख्या घटाने वाले अन्य बैंकों में पंजाब नैशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल हैं।
शहरी क्षेत्र में ज्यादा हुई है कटौती
इकोनॉमिक टाइम्स की रिर्पोट के अनुसार सिर्फ इंडियन बैंक ने ब्रांच और एटीएम नेटवर्क का विस्तार किया है। शीर्ष 10 में से 9 सरकारी बैंकों ने अपने एटीएम की संख्या घटाई है और 6 ने ब्रांच की संख्या में कटौती की है। इस बारे में बैंकरों ने बताया कि ब्रांच और एटीएम की संख्या खासतौर पर शहरों में घटाई गई है। उन्होंने बताया कि डिजिटल बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एमडी और सीईओ पल्लव महापात्रा ने बताया कि सरकारी बैंक शहरों में खासतौर पर ब्रांच और एटीएम की संख्या 6 हैं। ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में इनमें कटौती नहीं की गई है।
निजी क्षेत्र के बैंक कर रहे विस्तार
एक ओर जहां सरकारी बैंक खर्च घटाने के लिए नेटवर्क में कटौती कर रहे हैं, वहीं निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने अपने बैंकिंग नेटवर्क का विस्तार किया है। आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि इन बैंकों ने खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में अपने एटीएम लगाए हैं।
शहर में ज्यादा एटीएम लगाने का कोई मतलब नहीं
बता दें कि आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक और एक्सिस बैंक की रूरल डिप्लॉयमेंट रेशियो क्रमशः 5, 7, 3 और 12 प्रतिशत के साथ बहुत खराब है। सरकारी बैंक हर पांच में से एक एटीएम इन क्षेत्रों में लगा रहे हैं। निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए यह रेशियो हर 10 में से एक है। महापात्र ने बताया कि यह मांग का मामला है। शहरों में इतनी ब्रांच और एटीएम क्यों होने चाहिए, जहां बहुत अधिक कॉम्पिटीशन है। अगर मैं शहर में एक एटीएम लगाता हूं और उसका बेहद कम इस्तेमाल होता है तो उसका क्या तुक है। फिर मैं यह काम क्यों जारी रखूंगा?