डीटीसी पैनल ने आयकर और निगम कर में कटौती का रखा प्रस्ताव
व्यक्तिगत कर और निगम कर में कटौती से मध्यम वर्ग को राहत मिल सकती है।
व्यक्तिगत कर और निगम कर में कटौती से मध्यम वर्ग को राहत मिल सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए डायरेक्ट टैक्स कोड (डीटीसी) पैनल समिति ने एक प्रस्ताव रखा है जिसमें आयकर और निगम कर में कटौती की मांग की गई है। आपको बता दें कि समिति ने अपनी रिर्पोट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंप दी है।
पैनल ने यह भी प्रस्तावित किया है कि लाभांश वितरण कर (डीडीटी) केवल प्राप्तकर्ता के हाथों में हो और कंपनियों के हाथों में नहीं होगा जैसा कि आज है। इसके अलावा, पिछले एक साल में परामर्श के कुछ हिस्सों ने संकेत दिया कि स्टार्ट-अप्स के लिए sops होंगे और विदेशी कंपनियों के लिए कराधान नियमों से संबंधित कुछ बदलाव होंगे।
अखिलेश रंजन के नेतृत्व वाले पैनल ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंप दी है। हालाँकि, निगम कर में प्रस्तावित कटौती की मात्रा से संबंधित विवरणों का तुरंत पता नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि सरकार ने रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है।
डायरेक्ट टैक्स पर बनी टास्क फोर्स ने वित्तमंत्री से की यह सिफारिश
इस बारे में टास्क फोर्स का मानना है कि मौजूदा इनकम टैक्स छूट, इसकी वस्तुओं और स्लैब मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप नहीं है। उनकी सिफारिश से सालाना 55 लाख से कम आदमनी वाले टैक्सपेयर्स को बड़ी राहद मिल सकती है। इस समिति के प्रमुख सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश रंजन हैं। बता दें कि इस रिपोर्ट को 21 महीने में कुल 89 सभाओं के बाद तैयार किया गया है।
वित्त मंत्रालय ने अपने ऑफिशियल अकाउंट से ट्वीट के जरिए बताया कि नए डायरेक्ट टैक्स लॉ के प्रारूप बनाने के लिए गठित की गई समिति के संयोजक अखिलेश रंजन से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। समिति की सिफारिशों पर अब वित्त मंत्रालय अपना आखिरी फैसला लेगा। आपको बता दें कि इस समिति का गठन सीबीडीटी के पूर्व सदस्य अरविंद मोदी की अध्यक्षता में नवंबर 2017 में किया गया था। इस समिति का काम इनकम टैक्स एक्ट की समीक्षा और नए डायरेक्ट टैक्स कोड का प्रारूप तैयार करना था।