एसबीआई अपने ग्राहकों को होम लोन से सबंधित दे रहा यह सुविधा
भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि वह मौजूदा होम लोन कर्जदाताओं को रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट का लाभ देने पर विचार कर रहा है।
भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि वह मौजूदा होम लोन कर्जदाताओं को रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट का लाभ देने पर विचार कर रहा है। बता दें कि बैंक को इस तरह के होम लोन प्रोडक्ट की मांग बढ़ने के आसार हैं। आपको बता दें कि देश के इस सबसे बड़े बैंक ने जुलाई में रेपो रेट आधारित होम लोन प्रोडक्ट लॉन्च किया था। बैंक अभी भी यह केवल नए ग्राहकों को दे रहा है। इस तरह के लोन में पॉलिसी रेट में नरमी का ग्राहकों को सीधा फायदा होता है।
इस बारे में एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने बताया कि हम मौजूदा ग्राहकों को भी इसका फायदा पहुंचाने के बारे में सोच रहे हैं। कुमार ने यह जानकारी इकोनॉमिक टाइम्स के सवाल के जवाब में दी। बता दें कि ईटी ने पूछा था कि क्या मौजूदा ग्राहकों को भी रेपो रेट से जुड़े होम लोन का फायदा दिया जाएगा।
आपको बता दें कि बैंकों ने 2014 में मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लैंडिंग रेट की शुरुआत की थी। तब बैंकों ने अपने ग्राहकों को बेस-रेट वाले लोन से एमसीएलआर से जुड़े लोन में स्विच करने का विकल्प दिया था।
रेपो रेट से जुड़े एसबीआई के होम लोन की ब्याज दर को रेपो रेट से 2.25 प्रतिशत ज्यादा रखा जाता है। इसे रेपो रेट लिंक्ड लेजिंग रेट (आरएलएलआर) कहते हैं। रेपो रेट अभी 5.40 प्रतिशत है। इस तरह एसबीआई का आरएलएलआर 7.65 प्रतिशत है। आरएलएलआर के ऊपर 0.40 प्रतिशत से 0.55 प्रतिशत तक ब्याज और जोड़ा जाता है। ऐसे में नए ग्राहकों को एसबीआई का होम लोन सालाना 8.05% या 8.20% प्रतिशत कम पड़ता है।
आपको जानकारी होना चाहिए कि बैंक के एमसीएलआर आधारित होम लोन की ब्याज दर 8.35% से 8.90% तक है। यह ब्याज दर 75 लाख रुपये तक की राशि पर लागू है। फरवरी से एसबीआई ने MCLR में 0.30 प्रतिशत तक की कमी की है। जबकि इसी दौरान भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 1.10 प्रतिशत घटाया है।
आगे कुमार ने बताया कि पहली तिमाही में बैंक से कर्ज लेने की रफ्तार सुस्त रही है। लेकिन, अच्छे मानसून के चलते वित्त वर्ष की दूसरी योजना में मांग जोर पकड़ सकती है। बैंकों के पास नकदी की कोई कमी नहीं है।