ऑटो सेक्टर में रोजगार को बढ़ाने के लिए मोदी देंगे खास ध्यान
ऑटो सेक्टर में मंदी के चलते छंटनी की खबरों से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) परेशान है। रिर्पोट के अनुसार, पीएमओ ने वित्त और भारी उद्योग मंत्रालय से इस बारे में आंकड़े मांगे हैं।
ऑटो सेक्टर में मंदी के चलते छंटनी की खबरों से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) परेशान है। रिर्पोट के अनुसार, पीएमओ ने वित्त और भारी उद्योग मंत्रालय से इस बारे में आंकड़े मांगे हैं। साथ ही ऑटो सेक्टर के लिए राहत पैकेज बनाने को भी कहा गया है, ताकि नौकरियां बच सके। सेक्टर को फंड बढ़ाने, डीलरों को 60 की जगह 90 दिनों के लिए लोन देने और कुछ समय के लिए टैक्स छूट जैसी राहतों पर विचार किया जा रहा है।
बता दें कि आर्थिक संकट से निपटने के लिए बैठकों का दौर भी चल रहा है। मंदी के असर से बाहर निकलने के लिए वित्त मंत्रालय ऑटो, रिऐलिटी सहित कई क्षेत्रों के अधिकारियों से बात कर रहा है। बता दें, ऑटो मैन्युफैक्चरर्स संगठन सियाम ने कहा है कि स्लोडाउन के कारण अब तक ऑटो कंपनियां करीब 20 हजार लोगों को नौकरी से निकाल चुकी हैं। वहीं, 13 लाख लोगों की नौकरियों पर तलवार लटकी हुई है।
तो वहीं शनिवार को दिल्ली के व्यापारियों ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलकर अपनी समस्याएं बताईं। व्यापारियों ने अपनी समस्या रखते हुए कहा कि ऑटो के ज्यादातर हिस्सों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है और आम आदमी की जरूरत को देखते हुए ऑटो पार्ट्स को लग्जरी स्लैब में नहीं रखा जाना चाहिए। व्यापारियों ने ऑटो पार्ट्स पर जीएसटी की दर घटाकर 18 या 12 प्रतिशत के स्लैब में लाने की मांग की है। साथ ही पुरानी गाड़ियों के लिए एक स्क्रैप पॉलिसी की मांग भी की गई है।
आपको बता दें कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में खत्म हो रही नौकरियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार वेलफेयर बोर्ड का गठन करे, जिसमें शीर्ष ऑटो मोबाइल कंपनी के साथ ऑटो रिप्लेसमेंट पार्ट्स के व्यापारियों को शामिल किया जाए। इससे कारोबारियों की मुश्किलें सरकार तक पहुंच जाएंगी। तो वहीं जीएसटी की तारीख 31 दिसंबर की होगी।