देश की अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ डॉलर तक बनाने की सलाह
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक बार फिर चर्चा हो रही है। इस बार वित्त मंत्रालय ने बैंकों पर निशाना साधा है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक बार फिर चर्चा हो रही है। इस बार वित्त मंत्रालय ने बैंकों पर निशाना साधा है। देश को पांच साल में पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों से कहा कि वे एक महीने की एक विचार प्रक्रिया चलाएं और इसमें अपने अधिकारियों से सुझाव लें। इसकी शुरुआत वे बैंकों की शाखाओं के अधिकारियों से करें। इस अभियान की शुरुआत शनिवार से होगी। इस प्रक्रिया से मिले सुझावों का उपयोग बैंकिंग सेक्टर के भावी विकास के लिए रोडमैप बनाने में किया जाएगा।
चर्चा की प्रक्रिया शाखा के स्तर से शुरू होगी
आपको बता दें कि मंत्रालय की ओर से सरकारी बैंकों के प्रमुखों को प्रेषित पत्र के अनुसार चर्चा की प्रक्रिया शाखा के स्तर से शुरू होगी। इसके तहत पहले शाखा या क्षेत्रीय स्तर, फिर राज्य स्तर और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होगी। चर्चा का मकसद बैंकिंग सेक्टर को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जोड़ना, आईडिया निकालना और शाखा स्तर तक के बैंकरों में भागीदारी की भावना पैदा करना है। साथ ही इस अभियान में बैंकों को क्षेत्रीय मुद्दों और क्षेत्रीय विकास की संभावनाओं से भी जोड़ा जाएगा।
अगले पांच साल के लिए सरकारी बैंकों की भूमिका
इस महीने भर चलने वाले अभियान में अगले पांच साल के लिए देश के विकास के लिए सक्रिय भागीदारी के रूप में सरकारी बैंकों की भूमिका तलाशी जाएगी। आपको बता दें कि सरकार ने 2024-25 तक देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है। अभियान के तहत जीवन की सहूलियत बढ़ाने के लिए भी समाधान ढूंढा जाएगा। इसके तहत बैंकों को ग्राहकों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाने, चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाने और साइबर सुरक्षा और डाटा एनालिस्ट जैसे क्षेत्रों में बैंकों को और अधिक तैयार करने पर जोर दिया जाएगा।