विदेशी मुद्रा भण्डार नए रिकॉर्ड पर
आपको बता दें कि देश का विदेशी मुद्रा भण्डार 9 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 1.620 अरब डॉलर बढ़कर 430.572 अरब डॉलर हो गया है।
आपको बता दें कि देश का विदेशी मुद्रा भण्डार 9 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 1.620 अरब डॉलर बढ़कर 430.572 अरब डॉलर हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में वृद्धि के कारण यह तेजी दर्ज की गई है। इससे पहले 2 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 69.72 करोड़ डॉलर घटकर 428.952 अरब डॉलर रह गया था।
इस पर केंद्रीय बैंक ने कहा है कि आलोच्य अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 1.52 करोड़ डॉलर से बढ़कर 398.739 अरब डॉलर हो गई। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां कुल विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। आंकड़ों के अनुसार इस दौरान देश का स्वर्ण भंडार 1.591 अरब डॉलर से बढ़कर 26.754 अरब डॉलर हो गया है।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाला विशेष आहरण अधिकार इस दौरान 67 लाख डॉलर बढ़कर 1.441 अरब डॉलर हो गया। वहीं कोष के पास देश का मुद्रा भंडार 70 लाख डॉलर बढ़कर 3.636 अरब डॉलर हो गया है।
किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां विदेशी मुद्रा भण्डार कहलाती हैं ताकि जरुरत पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। आपको बता दें कि इस तरह की मुद्राएं केंद्रीय बैंक जारी करता है।
इसके ही साथ सरकार और अन्य वित्तीय संस्थानों की तरफ से केंद्रीय बैंक के पास जमा की गई राशि होती है। यह भंडार एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखे जाते हैं। ज्यादातर डॉलर और कुछ हद तक यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार में शामिल होता है। विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिजर्व या एफएक्स रिजर्व भी कहा जाता है।
कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंकनोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और अल्पकालिक और दीर्घकालिक विदेशी सरकार प्रतिभूतियों में शामिल होना चाहिए। विदेशी मुद्रा भंडार को आमतौर पर किसी देश के आंतरिक निवेश की स्थिति का एक महत्वपूर्ण माना जाता है।