मांग घटने के कारण हीरो मोटोकॉर्प 4 दिन बंद करेगा प्लांट
घटती मांग को देखते हुए हीरो मोटोकॉर्प में अपनी प्लांट को चार दिन बंद करने का फैसला लिया है।
नई दिल्ली: घटती मांग को देखते हुए हीरो मोटोकॉर्प में अपनी प्लांट को चार दिन बंद करने का फैसला लिया है। देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प की चार दिनों के लिये विनिर्माण संयंत्रों को बंद रहेगी। जी हां इस बात की जानकारी कंपनी के द्वार शुक्रवार को दी गयी। कार कंपनियों के बाद अब टूव्हीलर्स कंपनियां भी प्रोडक्शन कम करने को विवश हो रही हैं। घर पर ही डिलीवर होगा स्कूटर और बाइक, जानें कैसे? ये भी पढ़ें
15 अगस्त से बंद हैं और ये 18 अगस्त तक बंद रहेंगे
जानकारी दें कि कंपनी ने बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को बताया कि उसके मैन्युफैक्चरिंग प्लांट 15 अगस्त से बंद हैं और ये 18 अगस्त तक बंद रहेंगे। इस बात की भी जानकारी दी कि सालाना अभ्यास और बाजार की मौजूदा मांग के हिसाब से मैन्युफैक्चरिंग का समायोजन करने के लिए ऐसा किया गया है। वहीं कंपनी ने कहा कि यह स्वतंत्रता दिवस, रक्षाबंधन और सप्ताहांत के कारण सालाना अवकाश का भी हिस्सा है लेकिन आंशिक तौर पर यह नरम पड़ती बाजार मांग का भी संकेत देता है।
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वहीं इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान दोपहिया बाजार में सबसे बड़ी कंपनी हीरो मोटोकार्प की सेल्स 24,66,802 यूनिट रही, जो कि पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 12.03 फीसदी कम है। उल्लेखनीय है कि वाहनों की मांग में नरमी के कारण ऑटोमोबाइल कंपनियां उत्पादन कम कर रही हैं।
ऑटो सेल्स में जुलाई माह में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज
इस बात से भी आपको अवगत करा दें कि देश के ऑटो सेल्स में जुलाई के दौरान 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। सिआम की ओर से जारी आंकड़ोंके अनुसार, पैसेंजर्स व्हीकलस की बिक्री जुलाई में लगातार नौवें महीने गिरी है। यह 30.98 फीसदी घटकर 2,00,790 वाहन रही है, जो जुलाई 2018 में 2,90,931 वाहन थी। जबकि बीते महीने कार कंपनियों की घरेलू बिक्री 35.95 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि सिआम के अनुसार, मोटरसाइकिल की घरेलू बिक्री पिछले महीने 9,33,996 इकाई रही जो जुलाई 2018 की 11,51,324 इकाई बिक्री के मुकाबले 18.88 फीसदी कम है। जुलाई में टू-व्हीलर्स की कुल बिक्री 15,11,692 रही। और तो जुलाई 2018 में यह आंकड़ा 16.82 फीसदी अधिक यानी 18,17,406 था। इंडस्ट्री का कहना है कि ऑटोमोबाइल में गहराते संकट से बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने का संकट खड़ा हो गया है। इंडस्ट्री का कहना है कि सरकार तत्काल राहत पैकेज मुहैया कराए।
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